जूना अखाड़े की छड़ी यात्रा देव स्थलो की यात्रा कर पहुंची हरिद्वार

हरिद्वार 4 नवंबर 2024 को जूना अखाड़े की पावन छड़ी यात्रा उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों की यात्रा कर कल शाम कांगड़ी स्थित श्री प्रेम गिरी धाम पहुंची छड़ी यात्रा के आश्रम में पहुंचने पर भक्तजनों द्वारा भव्य अभिनंदन किया गया तथा संत महापुरुषों द्वारा पावन छड़ी की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई इस अवसर पर बोलते हुए जूना अखाड़े के पूर्व सचिव श्री देवानन्द सरस्वती महाराज ने कहा छड़ी यात्रा भारतीय संस्कृति तथा सनातन प्राचीन परंपरा है l

छड़ी यात्रा देश की सुख शांति भक्तों की सुख समृद्धि हेतु प्रतिवर्ष जूना अखाड़े द्वारा निकाली जाती है जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक परम पूज्य श्री हरि गिरि जी महाराज तथा जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्री प्रेम गिरि जी महाराज के पावन सानिध्य में छड़ी यात्रा नगर भ्रमण के बाद चारों धाम यात्रा हेतु प्रस्थान कर गई थी जो सभी धामो की यात्रा करने के पश्चात रात्रि में श्यामपुर स्थित श्री प्रेम गिरी धाम पहुंची तत्पश्चात नव निर्मित आश्रम श्री महंत धरणी यति कुटिया कांगड़ी मे आज विधि विधान से श्री महंत धरणीयती श्री महंत सिद्धेश्वर यति महाराज ने संत महापुरुषों की गरिमा मय उपस्थिति के बीच ही विधि विधान से पूजा अर्चना की तत्पश्चात कुटिया में विशाल संत भंडारे का आयोजन हुआ l

इस अवसर पर बोलते हुए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर 1008 श्री संजय गिरी महाराज ने कहा पावन छड़ी यात्रा प्रतिवर्ष जूना अखाड़े माँ माया देवी प्रांगण से शुरू होकर उत्तराखंड के सभी देवस्थानों की यात्रा तथा परिक्रमा करते हुए संत महापुरुषों के पावन उद्घोष के साथ प्रतिवर्ष हरिद्वार पहुंचती है यह पावन छड़ी यात्रा देश की सुख शांति समृद्धि का प्रतीक है देश में खुशहाली सुख शांति बनी रहे इसीलिए विश्व के सबसे बड़े नागा संन्यासी श्री जूना अखाड़े द्वारा यह पावन छड़ी यात्रा निकाली जाती है पावन छड़ी के दर्शन कर भक्त अपने सौभाग्य का उदय करते हैं l

परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री हरि गिरि जी महाराज तथा गुरुदेव श्री श्री प्रेम गिरि जी महाराज के पावन सानिध्य में प्रतिवर्ष विश्व में शांति स्थापित करने हेतु तथा देश की सुख शांति खुशहाली हेतु यह छड़ी यात्रा निकाली जाती है इससे सभी देवी देवताओं की कृपा बरसती है भक्तों का सौभाग्य उदय होता है गुरुजनों संत महापुरुषों द्वारा किए जाने वाले सभी पावन कार्यों में जगत कल्याण की भावना निहित होती इस संसार में गुरुजन ही ईश्वर के प्रतिनिधि है जो धर्म कर्म के माध्यम से भक्तों को कल्याण का मार्ग दिखाते हैं सतगुरु से बड़ा इस संसार में हमारा कोई और हीतैसी नहीं इस अवसर पर श्री महंत सिद्धेश्वर यति महाराज श्री महंत केदारपुरी महाराज श्री महंत देवानन्द सरस्वती श्री महंत पूर्ण गिरी महाराज श्री महंत माता अन्नपूर्णा गिरी महाराज महामंडलेश्वर संजय गिरी महाराज छड़ी के महंत कुसपुरी महाराज छड़ी के महंत पुष्कर गिरी महाराज छड़ी के महंत रूद्रानंद सरस्वती श्री महेंद्र सुरेशानंद सरस्वती महंत विशिष्ट गिरी महाराज महंत महाकाल गिरी महाराज श्री ऋतुराज गिरी महाराज महंत प्रशांत गिरी महाराज थानापति महंत भीष्म गिरी महाराज महंत धीरेंद्र पुरी महाराज महंत अमित गिरी महाराज महंत अमृतपुरी महाराज थानापति आकाश गिरी महाराज महंत गौतम गिरी महाराज महंत रतन गिरी महाराज महंत दीनदयाल गिरी महाराज महंत चंद्रकांत गिरी महाराज महंत पंकज गिरी महाराज महंत रितु राजगिरी महाराज महंत गुप्त गिरी महाराज थानापति महंत अमित गिरी महाराज महेंद्र श्रद्धा नाथ महंत वीरेंद्र गिरि महाराज श्रवण गिरी महाराज भीष्म गिरी महाराज साहित कईसो संत महापुरुष इस अवसर पर उपस्थित थे विधि विधान से छड़ी की पूजा अर्चना की गई श्री महंत सिद्धेश्वर यति महाराज श्री महंत धरणीयती महाराज ने सभी संत महापुरुषों के लिए भोजन प्रसाद का आयोजन किया भंडारे के उपरांत छड़ी यात्रा जूना खड़े हेतु रवाना हो गई

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