श्रावण मास में, भगवान शिव के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है: आचार्य ललितानंद जी महाराज

कमल शर्मा (हरिहर समाचार)

हरिद्वार कांगड़ी गाजीवाला स्थित नवनिर्मित मां कामाख्या 51 शक्ति पीठ जैसे पावन मंदिर की स्थापना करने वाले परम पूज्य आचार्य श्री ललितानन्द जी महाराज ने अपने श्री मुख से श्रावण मास में लक्ष्मी जी के महत्व को बताते हुए कहा कि कैसे मां को प्रसन्न करें, कैसे पूजा करें lश्रावण मास, जिसे सावन का महीना भी कहा जाता है, भगवान शिव को समर्पित है, लेकिन इसका लक्ष्मी जी के लिए भी बहुत महत्व है। इस महीने में, विशेष रूप से शुक्रवार को, देवी लक्ष्मी की पूजा करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है

श्रावण मास में लक्ष्मी जी का महत्व:

  • वरलक्ष्मी व्रत:श्रावण मास के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को वरलक्ष्मी व्रत रखा जाता है, जो देवी लक्ष्मी के एक विशेष रूप को समर्पित है. 
  • धन-धान्य की प्राप्ति:इस महीने में देवी लक्ष्मी की पूजा करने से धन, संपत्ति, और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. 
  • सौभाग्य में वृद्धि:श्रावण मास में लक्ष्मी जी की पूजा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. 
  • अन्नदान का महत्व:श्रावण मास में अन्नदान करना बहुत शुभ माना जाता है, और इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. 
  • गाय की पूजा:श्रावण मास में गाय की पूजा करने से भी देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. 

श्रावण मास में लक्ष्मी जी की पूजा कैसे करें:

  • शुक्रवार का व्रत:श्रावण मास के प्रत्येक शुक्रवार को व्रत रखें और देवी लक्ष्मी की पूजा करें. 
  • कमल के फूलों से पूजा:देवी लक्ष्मी को कमल के फूल बहुत प्रिय हैं, इसलिए कमल के फूलों से उनकी पूजा करें. 
  • दीपदान:गाय के घी का दीपक जलाकर देवी लक्ष्मी की आरती करें. 
  • मंत्र जाप:“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें. 
  • दान-पुण्य:गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें, खासकर अन्न और वस्त्रों का दान करें. 

श्रावण मास में, भगवान शिव के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है. 

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