गुरुदेव नित्य लीलालीन श्री श्री 1008 गुरु भगवान हरमिलापी जी महाराज साक्षात ईश्वर की प्रतिमूर्ति थे:श्री मदन मोहन हरमिलापी जी महाराज

कमल शर्मा (हरिहर समाचार)

श्री हरमिलाप भवन,हरिद्वार में पावन गुरू गद्दी के नवम गुरूदेव श्री राम प्यारा साहिब जी की स्मृति में 118 वां वार्षिक यज्ञोत्सव 21,22,व 23 जून को परम पूज्य गुरुदेव वंदनीय श्री महंत श्री 1008 मदन मोहन हर मिलापी जी महाराज के पावन सानिध्य में आश्रम में विशाल संत समागम आयोजित किया जा रहा है इस अवसर पर संत महापुरुषों के श्री मुख से बहने वाली ज्ञान की सरिता में सभी भक्तजन गोते लगाकर अपने जीवन को धन्य तथा कृतार्थ कर रहे हैं वंदनीय गुरुदेव त्याग मूर्ति तपो निधि श्री मदन मोहन हर मिलापी जी महाराज ने कहा परम पूज्य गुरुदेव इस पृथ्वी लोक पर साक्षात ईश्वर की प्रतिमूर्ति थे lउन्होंने विश्व भर में सनातन की धर्म पताका फहरने के साथ-साथ भक्तों में ऐसी ज्ञान की गंगा बहाई कि उनके ज्ञान की सरिता आज भक्तों में सुख शांति और समृद्धि के रूप में विद्यमान होने के साथ-साथ उनके जीवन को सार्थक कर रही है उन्होंने कहा मेरे अरमानों का आज गुलशन खिल गया जिसकी मुझे तलाश थी मुझे वह मेरा सतगुरु प्रीतम मिल गया पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 हरमिलापी जी महाराज ने भक्तों में ज्ञान की गंगा बहाने के साथ-साथ विश्व भर के सनातन प्रेमियों को बताया कि अपने लिये और अपनों के लियें तो सब करते हैं किंतु जो संपूर्ण समाज के लियें कुछ करके दिखाये तो मानव जीवन सार्थक हो जाये परम पूज्य गुरुदेव ने जिला हरमिलाप चिकित्सालय का निर्माण कराकर उसे समाज को समर्पित करते हुए सरकार के सुपुर्द किया l

आज लाखों रोगी वहां प्रतिवर्ष चिकित्सा लेकर एक स्वस्थ जीवन जी रहे हैं हरमिलाप आश्रम में पिछले कई वर्षों से सेवा कार्य चल रहे है, जैसे गरीबों को कंबल बाटना, जूते चप्पल वितरण,सिलाई मशीन वितरण आदि जैसे समाज सेवा के कार्य हरमिलाप ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे है गुरुदेव ने समाज और धर्म को ज्ञान देने के साथ-साथ स्वास्थ्य वान बनाने का पावन सार्थक कार्य किया हम तो गुरु जी के बताये मार्ग पर चलते हुए उनके बतायें मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं लेकिन करने वाले और करवाने वाले साक्षात गुरु भगवान श्री श्री 1008 परम पूज्य त्याग मूर्ति ब्रह्मलीन हर मिलापी जी महाराज आज भी सूक्ष्म रूप में हम लोगों के बीच दिये गये ज्ञान के रूप में विद्यमान है सब उन्हीं के चरणों का प्रताप है उन्हीं की लीला है उन्होंने एक सुंदर भजन गुरुजी तुम बड़े दयालु हो भी सुन कर भक्तों को भक्ति रस में भाव विभोर कर दिया इस अवसर पर बोलते हुए श्री गुरदीप मोटनेजा ने कहा सतगुरु तारणहार है सतगुरु मेरी प्रीत सतगुरु ही मझधार है सतगुरु तारणहार सतगुरु मेरे राम है सतगुरु ही घनश्याम हम जिस भगवान को मंदिरों में ढूंढते फिर रहे हैं वह सतगुरु के रूप में हम लोगों के बीच सदैव विद्यमान रहते हैं हमारे परम पूज्य गुरुदेव नित्य लीलालीन श्री श्री 1008 गुरु भगवान हरमिलापी जी महाराज साक्षात ईश्वर की प्रतिमूर्ति थे l

और वर्तमान गुरुदेव श्री श्री 1008 मदन मोहन हरमिलापी महाराज भी पूज्य गुरुदेव का ही प्रतिरूप है उनकी ही पावन छवि के पावन दर्शन हमें इनके अंदर होते हैं श्री मनोज बब्बर जी ने कहा सतगुरु श्री मदन मोहन हरमिलापी जी के पावन वचन हमारे मनुष्य जीवन को सार्थक कर रहे हैं और उनकी प्रेरणा और आशीर्वाद हमारे परिवार में सुख शांति समृद्धि के रूप में फलीभूत हो रही है गुरुदेव मदन मोहन हर मिलापी जी महाराज इस पृथ्वी लोक पर ज्ञान का एक पावन सरोवर है उनके मुख मंडल का तेज और ज्ञान का प्रवाह हमें बड़े ही भाग्य से प्राप्त हुआ है यह पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 हर मिलापी जी महाराज का ही आशीर्वाद है की उनकी प्रतिरूप मूर्ति के रूप में हमें हमारे सतगुरु देव मदन मोहन हर मिलापी जी प्राप्त हुए हैं बड़े ही शांत चित में रहने वाले हमारे गुरुदेव मदन मोहन हर मिलापी जी महाराज का ज्ञान हमारे मानव जीवन को धन्य तथा सार्थक कर रहा है श्री प्रेम लूथरा ने कहा हम लोग बड़े ही भाग्यशाली हैं की हमें इतने पावन सतगुरु के दर्शन और उनके ज्ञान का वर्ण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ इस अवसर पर श्री नितिन योगराज जी किशोर चुग सहित हजारों की संख्या में भक्तजन तथा हरिद्वार के अनेकों मठ मंदिर आश्रमों से आये महंत श्री महंत महामंडलेश्वर तथा संत महापुरुष नित्य कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं इस आयोजन का उद्देश्य पूज्य श्री के आध्यात्मिक योगदान को स्मरण करना एवं समाज में अध्यात्म, सेवा और प्रेम का संदेश फैलाना है। कार्यक्रम का संचालन संत श्री हरमिलाप साहिब ट्रस्ट सोसायटी (रजि.), हरिद्वार द्वारा किया जा रहा है।

तीन दिवसीय कार्यक्रम की मुख्य रूपरेखा:

🔸 शनिवार, 21 जून 2025:प्रातः योग साधना पावन श्री गु्रुग्रंथ जी एवं श्री रामायण जी पाठ आरंभ वृन्दावनी रासलीला, संतों का प्रवचन एवं भजन संध्या रविवार, 22 जून 2025:योग साधना, संतों का सत्संग रक्तदान शिविर सात्विक सृजन सांझ को भव्य भजन संध्या सोमवार, 23 जून 2025:पाठ का भोग, भजन-संकीर्तन दोपहर को ब्रह्म भोज एवं भंडारा का आयोजन होगा l

इस आयोजन में देशभर से संत, महात्मा, संगीतकार, सेवाभावी संगत और श्रद्धालु शामिल होंगे। आयोजन समिति ने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे इस पुण्य अवसर पर अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्म लाभ प्राप्त करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *