कमल शर्मा (हरिहर समाचार)
जी हाँ बात जब भी बुजुर्गो की आती है , यह लाइन नही हकीकत नज़र आती है। बुजुर्गो की ऊँगली पकड़कर जो चलना सीखते हैँ, कैसे उनका हाथ छोड़ कर उन्हे दर दर की ठोकर खाने पर मजबूर करते हैँ। क्यू नही दिल काँपता उनकी ऐसी हालत देखकर। क्यू भगवान से भय नहीं लगता , यह जानकर की ये उनका नहीं हमारा भविष्य है। आये दिन घटनाये सुनने को मिलती है बेटे ने किया पिता के सर पर वार उतारा मौत के घाट। या दर दर की ठोकर खाने पर मजबूर बुजुर्ग , हड़पी अपनों ने संपत्ति। रूह कंपा देने वाली ऐसी घटनाओ से दिल छलनी करके रख दिया । इसी लिए The Always care foundation ने बीड़ा उठाया कि भगवान तुल्य माँ पिता की बेकदरी कतई बर्दाश नहीं । जिन्हे आप नही रख सकते उन्हे हम खुशी से रख सकते हैँ। हम परवरिश से लेके अंतिम सांस तक उनका सहारा बनेंगे । जिसके लिए हरिद्वार निवासी सुश्री मंजू बालियान , वजीर शर्मा जमदग्नी, कुशल श्री वास्तव , सौरव सक्सेना , मधु , मृत्युंजय उर्फ़ मन्नू एवं इंदर राज दुग्गल ने अपनी संस्था बनाकर इस कार्य की शुरुवात की है । लम्बे समय से यह संस्था बुजुर्गो का हाल चाल जानकर उनके पास जाते हैँ। एवं उनकी मदद भी करते हैँ इसके अतिरिक्त नशा मुक्ति, पर्यावरण, गौसेवा, स्वछता सभी पर समाज मै सराहनीय कार्य कर रहे हैँ ।