स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ‘कनिष्क सर्जिकल एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देहरादून’ के 13 वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित

💥स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने ‘कनिष्क सर्जिकल एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देहरादून’ के स्थापना दिवस पर संस्थापक डा मुकेश गुप्ता और सहसंस्थापक डा ऋतु गुप्ता को दी शुभकामनायें
💫डा मुकेश गुप्ता और डा ऋतु गुप्ता की 25 वीं वैवाहिक वर्षगांठ व कनिष्क सर्जिकल एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की 13 वीं वर्षगांठ पर अनेकानेक शुभकामनायें और आशीर्वाद
🌸विगत 25 वर्षों से उत्तराखंड राज्य में अपनी उन्नत शल्य चिकित्सा सुविधाओं के माध्यम से कर रहे हैं सेवायें
✨कनिष्क वेलफेयर सोसाइटी फाउंडेशन के माध्यम से चिकित्सा, निर्धन कन्या विवाह, अनाथालय, वृद्धाश्रम, छात्रवृति, पर्यावरण संरक्षण और अन्य सामाजिक सेवा कार्यों का संचालन

ऋषिकेश, 31 मार्च। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने ‘कनिष्क सर्जिकल एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देहरादून’ के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सहभाग कर डा मुकेश गुप्ता व डा ऋतु गुप्ता जी को शुभकामनायें व आशीर्वाद प्रदान किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कनिष्क सर्जिकल एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, के माध्यम से सेवायें प्रदान कर रहे सभी को शुभकामनायें देते हुये कहा कि ह्यूमन सोशल रिस्पांसिबलिटी (एच एस आर) सामाजिक जिम्मदारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। समाज को समर्पित जीवन जीना प्राकृतिक और नैतिक जिम्मेदारी भी है।
स्वामी जी ने कहा कि कनिष्क हाॅस्पिटल ने कोरोना काल में जिस प्रकार सेवा की वह अद्भुत थी। आपने चिकित्सा के क्षेत्र में सेवा का एक यादगार इतिहास कायम किया। उन्होंने कहा कि सेवा का कोई दूसरा विकल्प नहीं है; सेवा ही जीवन है, सेवा ही साधना है और सेवा ही जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। सेवा से तनाव दूर होता है और अब तो विख्यात मनोवैज्ञानिक भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि जीवन से तनाव को दूर करने के लिये समाज सेवा एक बेहतर विकल्प है।

स्वामी जी ने कहा कि जब हम निःस्वार्थ सेवा की ओर बढ़ते हैं तो इससे मन को शान्ति मिलती है, प्रसन्नता मिलती है तथा व्यक्ति का जीवन सदैव प्रेरित व प्रफुल्लित रहता है। अगर हमें अपने जीवन में संतोष, प्रसन्नता व आनंद चाहिये तो हमें स्वयं को दूसरों की, समाज की सेवा में अर्पित करना चाहिये क्योंकि जीवन में यह मायना नहीं रखता की मुझे कितनी खुशी मिली बल्कि यह मायना रखता है कि मेरे द्वारा कितनों को खुशी मिली; मेरा जीवन कितना बेहतर बना यह नहीं बल्कि मेरी वजह से कितनों का जीवन बेहतर बना; कितनों का जीवन बदला और कितनों के जीवन को दिशा मिली यही वास्तव में जीवन की खुशी व आनंद है।
‘कनिष्क सर्जिकल एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देहरादून’ मार्च 2011 से उत्तराखंड राज्य में उन्नत चिकित्सा सेवायें प्रदान कर रहा हैं। डा मुकेश गुप्ता ने बताया कि हमारा पहला और आखिरी लक्ष्य बिना किसी समझौते के अपनी सर्वोत्तम क्षमताओं से समाज को अपना सर्वोत्तम प्रदान करना है।’’हम उत्तराखंड व यहां के निवासियों के स्वास्थ्य की परवाह करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके हास्पिटल में एडवांस लेप्रोस्कोपी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, जनरल और जीआई सर्जरी, ऑन्कोलॉजी और पैलिएटिव केयर, ऑर्थोपेडिक्स स्पोर्ट्स इंजरी, न्यूरोसर्जरी, जनरल मेडिसिन, प्रसूति और जेनेकोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, हेमोडायलिसिस, यूरोलॉजी, एस्थेसिया और दर्द प्रबंधन, क्रिटिकल केयर, नेत्र विज्ञान, पोषण संबंधी स्वास्थ्य देखभाल, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, डेंटल और मैक्सिलोफेशियल, पल्मोनोलॉजी, कार्डियोलॉजी, फिजियोथेरेपी और मेडिकल पुनर्वास के क्षेत्र में विश्व स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध है।
स्वामी जी ने सभी को संकल्प कराया कि अपने टाइम, टैलेंट, टेक्नालाजी व टिनासिटी इस प्यारे से प्रदेश उत्तराखंड की चिकित्सा सुविधायों में सुधार हेतु आगे आये क्योंकि मानव सेवा ही माधव सेवा है। स्वामी जी ने डा मुकेश गुप्ता और डा ऋतु गुप्ता को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट किया।

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