उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह जी ने किया 36 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का विधिवत उद्घाटन

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✨परमार्थ निकेतन गंगा के पावन तट पर योग का महाकुम्भ
💥36 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में 75 देशों से 1400 योगी और 25 देशों से 65 योगाचार्योे की भागीदारी
🌸योग, ध्यान, आयुर्वेद और मिलट्स का संयुक्त वेलनेस पैकेज़
🌺भारतीय संस्कृति और अध्यात्म पर विशेष सत्र
💫योग केवल शरीर के लिये ही नहीं बल्कि वैश्विक संबंधों के लिये भी जरूरी
स्वामी चिदानन्द सरस्वती
✨अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव योग व भारतीय संस्कृति के दिव्य सूत्रों का एक समग्र पैकेज
साध्वी भगवती सरस्वती

कमल शर्मा :ऋषिकेश, 9 मार्च। परमार्थ निकेतन में 36 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का विधिवत उद्घाटन सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह जी ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती जी, विश्व के 25 देशों से आये योगाचार्यों और 75 देशों से आये योगियों के पावन सान्निध्य में दीप प्रज्वलित कर योग महाकुम्भ का शुभारम्भ किया।


अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश द्वारा अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है।
उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह जी ने वैश्विक योगी परिवार को सम्बोधित किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि योग पूरे विश्व को एक सूत्र में जोड़ता है और वर्तमान समय में योग केवल शरीर के लिये ही नहीं बल्कि वैश्विक संबंधों के लिये भी जरूरी है। योग वैश्विक शान्ति, प्रेम और अहिंसा की स्थापना का सर्वश्रेष्ठ उपकरण है।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि भारत, धैर्य की भूमि है। जब मैं भारत आयी तो जाना कि भारतीयों में धैर्य, सहनशीलता, शान्ति और उदारता के दिव्य गुण सहज रूप से उनके स्वभाव में है। पश्चिम की धरती पर कई बार इसकी कमी दिखायी पड़ती है। धीरे-धीरे जाना और समझा कि ये गुण तो इस राष्ट्र की संस्कृति में है जिन्हें अपनाने के लिये किसी क्रिया या प्रेक्टिस की जरूरत नहीं है यह तो एक स्वाभाविक गुण है जो योग; अध्यात्म और संस्कृति से आता है। अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव इन्हीं दिव्य सूत्रों का एक समग्र पैकेज है।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के फिट इंडिया मूवमेंट के अग्रणी वेलनेस चैम्पियन ल्यूक कॉटिन्हो, वैद्य डॉ. रामकुमार और एसीटी योग के संस्थापक डॉ. एन. गणेश राव ने वेलनेस सत्र में प्रेरणादायक उद्बोधन दिया। मन और शरीर के संबंधों पर एक ‘टोटल वेलनेस’ व्यावहारिक सत्र में योग, आयुर्वेद, पारंपरिक भारतीय ज्ञान और संस्कृति पर विशेष चर्चा हुई।

ल्यूक कॉटिन्हो ने कहा कि आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिये मानव व्यवहार में बदलाव करना जरूरी है। चिंतन, विचार व व्यवहार तीनों में परिवर्तन कर ही स्वस्थ रहा जा सकता है।

डॉ. राव ने कहा, स्वास्थ्य गतिशील है और “यह व्यक्तिगत पसंद में निहित है, हम चुनाव कर सकते है कि हमें स्वस्थ रहने के लिये योग का अभ्यास करना है। हमारा लक्ष्य हमेशा समग्र स्वास्थ्य की ओर बढ़ना होना चाहिये। यदि आप प्रतिदिन योगाभ्यास करते हैं तो आप बीमार नहीं पड़ेंगे। योग उपचारात्मक है और योग आरोग्य प्रदान करता है। उन्होंने ट्रिगर क्या हैं? तनाव क्या है इस पर भी सभी का ध्यान आकर्षित किया।

डा त्रिवेदी ने कहा कि हम वास्तव में अपने सबसे अच्छे डॉक्टर हैं। “आपका पेट आपको बता देगा आप स्वस्थ है या नहीं। योग करने व ध्यान करने का मुख्य कारण यह है कि हमारा शरीर हमें सभी उत्तर देगा। हमें बस सुनना सीखना होगा।”

संयुक्त राज्य अमेरिका से आये प्रसिद्ध योगाचार्य गुरुशब्द सिंह खालसा ने ब्रह्म मुहूर्त में कुंडलिनी साधना, रिकवरी 2.0 के संस्थापक प्रसिद्ध योगाचार्य टॉमी रोजेन, विश्व प्रसिद्ध योगाचार्य किआ मिलर द्वारा पूर्ण मानसिक और शारीरिक कायाकल्प का अभ्यास कराया।

योगाचार्य गुरमुख कौर खालसा, जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में योगी भजन का पहला योग केंद्र स्थापित किया। वे विगत 24 वर्षों से “अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव’’ में में आ कर योगियों को योग से जोड़ने का उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं।

योगाचार्य स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट जो कि योग एलायंस प्रोफेशनल यूके के वरिष्ठ पंजीकृत योग शिक्षक, उन्होंने 200 घंटे, 500 घंटे के योग कोर्स के माध्यम से 400 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने कहा, पूज्य स्वामीजी ने शांति और प्रेम के बारे में बताया, मुझे लगता है यह संदेश रूस, यूक्रेन, इजराइल, फिलिस्तीन, अफगानिस्तान और पाकिस्तान आदि सभी देशों के लिये है। योग, अहिंसा और अपरिग्रह का संदेश देता है इसलिए योगी बनना जरूरी है।

नॉर्वे की प्रतिभागी वेरोनिका वेदथ ने कहा कि ‘वेलनेस टॉक’’ मेरे लिये मुख्य आकर्षण का केन्द्र है। ल्यूक का सत्र बहुत ही स्पष्ट और प्रेरणादायक रहा। उन्होंने कहा परमाार्थ निकेतन आकर जाना कि जीवन को “बैलेंस’’ कैसे करना है। आप जो कुछ भी करते हैं उसमें संतुलन रखें।

इस वर्ष विश्व के 75 राष्ट्रों यथा भारत सहित, अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बेल्जियम, बोस्निया और हेजेगोविना, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, यूनान, आइसलैंड, इंडोनेशिया, इजराइल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लेबनान, लिथुआनिया, मालदीव, मेक्सिको, मोरक्को, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, ओमान, पैराग्वे, पेरू, फिलीपींस, पोलैंड, कतर, सिंगापुर, स्लोवाकिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ताइवान, टर्की, यूक्रेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, उरुग्वे, वेनेजुएला, स्पेन आदि अनेक देशों के प्रतिभागी सहभाग कर रहे है।
विश्व के 25 देशों से आये योगाचार्य मारिया एलेजांद्रा अवचरियन, टॉमी रोजेन, निखिल महाजन (सत्यानंद), स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट, एस्ट्रिड स्लेग्टेन, जोसेफ श्मिडलिन, साने यमामोतो, बिजय आनंद, डाफ्ने त्से, एरिका कॉफमैन, आयुर्वेदाचार्य श्री गणेश राव, योगाचार्य जय हरि सिंह, केटी बी. हैप्पी, योगाचार्य मोहन भंडारी, रामकुमार कुट्टी, रोहिणी मनोहर, संदीप देसाई, सैंड्रा बार्न्स, संज हॉल, सुधांशु शर्मा, एलन एल्सिड, आनंद मेहरोत्रा, ईडन गोल्डमैन, गुरमुख कौर खालसा, गुरनिमित सिंह, गुरुशब्द सिंह खालसा, इरा त्रिवेदी, ल्यूक कॉटिन्हो, एमसी योगी (निकोलस), पाउला तापिया, साइमन ग्लोड, स्मिता नारम, श्री विश्वकेतु, क्लेयर मिसिंघम, जेम्स कैसिडी, एचएस अरुण, विश्वम्भर शेठ, गंगा नंदिनी, कृष्णप्रिया, कमला और जाहन्वी, आशीष गिल्होत्रा, गिल रॉन शमा, इंदु शर्मा, ईश्वर बसवारेड्डी, केसी जैन, किआ मिलर, ललिता शिवानी, मानसी गुलाटी, निशी भट्ट, पद्मा राजू, राधिका नागरथ, सीन कॉर्न, सुबोध तिवारी योगिराज स्वामी जयन्त सरस्वती अपनी अनुपम विधाओं से योग जिज्ञासुओं को योग के मूल और मूल्यों से जोड़ने के लिये समर्पित है।
योग महोत्सव के दौरान, प्रतिभागियों को एक सप्ताह में 150 से अधिक कक्षायें यथा कुण्डलिनी योग, प्राणायाम, ध्यान, साउंड हीलिंग, प्राणायाम विन्यास, हठ योग, यिन योग, योग निद्रा, चक्र ध्यान के साथ सूर्यनमस्कार, मंत्र और ध्यान से चक्र उपचार, 5 मौलिक योग प्रवाह,, कुंडलिनी तंत्र योग, सार्वभौमिक सांस और फैबोनाची अनुक्रम, संगीत चिकित्सा, जीवमुक्ति योग, विन्यासक्रम योग, चक्र योग, योग दर्शन, कनेक्टिव हीलिंग, आयुर्वेद, वैदिक ज्योतिष, नाद योग, नाडा योग, पारंपरिक हठ योग आदि योग की अनेक विधाओं के अभ्यास के साथ विशेष मधुर संगीत के साथ, विश्व शान्ति यज्ञ, गंगा जी की दिव्य आरती, आध्यात्मिक सत्संग, भारत की दिव्य संस्कृति, संस्कार और उत्तराखंड के मिलट्स को अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के मंच से पूरे विश्व में पहुंचाया जा रहा है।

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