कमल शर्मा
हरिद्वार 30 अक्टूबर ,कथा व्यास श्री श्री सुधा दीदी ने अपने श्री मुख से कहाने अपने संदेश में कहा कि आज के दौर में पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर चुनौती बन गया है, जिससे हमारी प्रकृति और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने त्योहारों को मनाने के तरीके में बदलाव लाएं और पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। उन्होंने विशेष रूप से बच्चों और युवाओं से अपील की कि वे पटाखों के स्थान पर दीप जलाकर इस पर्व का आनंद लें। पटाखों से निकलने वाला धुआं एवं शोर ना सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि इससे वायु एवं ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ता है।उन्होंने कहा, “दीपावली का वास्तविक अर्थ अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सद्भावना का संचार करना है। आइए, इस बार हम सभी प्रदूषण रहित दीपावली का संकल्प लें और अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने में योगदान दें।” इसके साथ ही, श्री श्री सुधा दीदी ने भक्तों से आग्रह किया कि वे इस शुभ अवसर पर अपने आसपास के जरूरतमंद लोगों की मदद करें और उनके जीवन में भी खुशियों का दीप जलाएं। उन्होंने कहा कि जब हम दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं, तो वही सच्ची दीपावली होती है।