श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के समापन के अवसर पर अयोध्या धाम में हुआ विशाल संत समागम

हरिद्वार 27 नवंबर 2024 को श्री अयोध्या धाम भूपतवाला में परम पूज्य गुरुदेव साकेतवासी महामंडलेश्वर श्री रामकुमार दास महाराज की तृतीय पावन पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के समापन के अवसर पर एक विशाल संत समागम आयोजित किया गया इस अवसर पर बोलते हुए आश्रम के श्री महंत 1008 श्री गंगेश्वरानंद महाराज ने कहा परम पूज्य गुरुदेव साकेतवासी महामंडलेश्वर रामकुमार दास महाराज इस पृथ्वी लोक पर तीर्थ के सामान पावन और मा गंगा के समान पवित्र ज्ञान देने वाले तपोमूर्ति संत थे l

जो सदैव दिये गये ज्ञान और संस्कारों के रूप में सदैव हम लोग के बीच हमारे स्मृति पटल पर बने रहेंगे इस पृथ्वी लोक पर पूज्य गुरुदेव ज्ञान का एक अखंड सूर्य थे एक ज्ञान मूर्ति तपो मूर्ति संत के रूप में सदैव याद किये जाते रहेंगे इस अवसर पर बोलते हुए महंत कमलेशानन्द सरस्वती महाराज ने कहा संत महापुरुषों का जीवन समाज को समर्पित होता है

संतो द्वारा जो भी कार्य किये जाते हैं उनमें जगत कल्याण की भावना निहित होती है सतगुरु ज्ञान के दाता होते हैं इस पृथ्वी लोक पर ईश्वर के प्रतिनिधि के रूप में भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें सत्य की राह दिखातेहै महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा सतगुरु के पावन वचन और सतगुरु की वाणी मनुष्य के जीवन का उद्धार कर देते है इस अवसर पर बोलते हुए महंत राजकुमार दास महाराज ने कहा परम पूज्य गुरुदेव महामंडलेश्वर रामकुमार दास जी महाराज ज्ञान का एक विशाल सागर थे उनका ज्ञान भक्तों के बीच सदैव उनके स्मृति पटल पर बना रहेगा और पूज्य गुरुदेव हमारे विचारों और संस्कारों में दिये गयेज्ञान के रूप में सदैव अमर रहेंगे l

संत देह का त्याग अवश्य करते हैं किंतु कभी मरते नहीं अपने दिये गये ज्ञान और की गई तपस्या के बल पर उनका तपोबल अखंड ज्योति के रूप में भक्तजनों के बीच सदैव जगमगाता रहता है कथा व्यास आचार्य अरुण शुक्ला ने कहा सतगुरु के द्वारा दिया गया ज्ञान और श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ जैसी पावन कथा का श्रवण करने का तात्पर्य है की आपने अपने लोक और परलोक दोनों सुधार लिए जो भक्त सच्चे मन से श्रीमद् भागवत जैसी पावन कथा का आयोजन कराता है उसके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और आयोजन करने वाले भक्त के जीवन में सुख शांति समृद्धि और वैभव की वर्षा होती है इस अवसर पर बोलते हुए श्री गणेश दास महाराज ने कहा सतगुरु की पावन शरण मनुष्य के भाग्य का उदय कर देती है धर्म कर्म पूजा पाठ दान सत्य कर्म गरीब दरिद्र नारायण सेवा उसे हजारों तीर्थ की यात्रा का फल प्रदान करते हैंl

गुरु इस पृथ्वी पर तीर्थ के सामान तीर्थ के दर्शन करने के लिए आपको स्वयं चल कर जाना पड़ता है किंतु एक गुरु साधु संत तपस्वी ऋषि मुनि के रूप में आपको कभी भी कहीं भी एक तीर्थ रूपी संत के दर्शन हो सकते हैं संत के दर्शन किसी भी रूप में हो पुनीत तथा फल प्रदानकरी होते हैं इस अवसर पर महंत कमलेशानन्द सरस्वती महाराज महंत सूरदास महाराज महामंडलेश्वर ललितानंद महाराज महामंडलेश्वर चिदविलासनंद महाराज कोठारी प्रेमदास महाराज स्वामी बालकानंद महाराज महंत कैलाशानन्द महंतड प्रेमदास महाराज महंत मस्त गिरी महाराज महामंडलेश्वर हरि चेतनानंद महाराज भैया दास महाराज महंत रामानंद दास महाराज महंत राजकुमार दास महाराज महंत राज बिहारी दास महाराज स्वामी वैष्णव दास महाराज उमेश्वरानंद महाराज महंत रामचरण दास महाराज महंत मुरारी दास महाराज महंत धनेश्वर दास महाराज संत धर्मेंद्र दास महाराज महंत सुखदेव महाराज महंत राकेश दास महाराज महंत अमीर गिरी महाराज महंत कोठारी प्रकाशानंद

महाराज घनश्याम दास दुबे श्री रामानुज दास श्री राजेश्वर दास संत इंद्रजीत सिंह शास्त्री श्री गणेश दास महाराज राजेश्वर दास महाराज आदर्श अरुण शुक्ला अभिषेक नितेश महंत प्रेमदास महाराज गंगा दास महाराज कोतवाल निर्वाण कमल मुनि महाराज रामदास महाराज रमेशानंद महाराज धर्मदास महाराज परवीन कश्यप ठाकुर मनोजानन्द सहित अनेकों भारी संख्या में और भी संत महापुरुष उपस्थित थे आश्रम में आयोजित विशाल भंडारे में सभी ने भोजन प्रसाद ग्रहण कर अपने जीवन को धन्य तथा कृतार्थ किया

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