हरिद्वार 28 सितंबर 2024 को खड़खड़ी स्थित गंगा भक्ति आश्रम के परमाध्यक्ष 1008 श्री महंत कमलेशानन्द सरस्वती महाराज ने कहा परम पूज्य गुरुदेव प्रातः स्मरणीय स्वामी राघवानन्द सरस्वती जी महाराज ने वृंदावन से धर्म का उद्घोष करते हुए गंगा भक्ति आश्रम के रूप में हरिद्वार मे भी आश्रम की स्थापना की वृंदावन की धरती से उठी धर्म की आवाज हरिद्वार की पावन गलियों से होते हुए संपूर्ण विश्व में ज्ञान की गंगा के रूप में प्रवाहित होते हुए आज सनातन परंपरा के रूप में विश्व भर में निरंतर प्रवाहित हो रही है गुरुदेव साक्षात ईश्वर की प्रतिमूर्ति थे भगवान राम तक पहुंचने वाला मार्ग थे भक्तों को ज्ञान देकर उनका लोक और परलोक दोनों सुधार देने वाले पावन संत थे ऐसे पवन सतगुरु के चरणों मे सादर वंदन करते हैं उनके द्वारा दिखाया गया मार्ग ही सत्य की राह है
गुरुदेव साक्षात ईश्वर की प्रतिमूर्ति थे,भगवान राम तक पहुंचाने वाला मार्ग थे:श्री महंत कमलेशानन्द सरस्वती
