डॉ ऋषिकेशवानन्द जी महाराज आध्यात्मिक एवं शिक्षा जगत के एक विशाल सूर्य थे: रमेश पोखरियाल निशंक

जन्म शताब्दी समारोह पर निर्धन निकेतन में हुआ विशाल संत समागम संतो के श्री मुख से बही ज्ञान की गंगा हरिद्वार 8 अगस्त 2024 (ठाकुर मनोज कुमार) खड़खड़ी स्थित निर्धन निकेतन मे जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए इस अवसर पर संपूर्ण गीता पाठ रुद्र अभिषेक सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ विशाल समष्टि भंडारे का भी आयोजन किया गया इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा परम पूज्य डॉ ऋषिकेशवानन्द जी महाराज आध्यात्मिक एवं शिक्षा जगत के एक विशाल सूर्य थे उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में एक शिक्षा क्रांति लाने का प्रयास किया उन्होंने अपने सत्यकर्मों के माध्यम से जगत को सही राह दिखाने का कार्य किया

परम श्रद्धेय डॉ ऋषिकेशवानन्द जी महाराज ज्ञान एवं त्याग की प्रति मूर्ति थे उन्होंने अपनी पुरानी यादों को भी संस्था के साथ साझा किया इस अवसर पर बोलते हुए संस्था के परमाध्यक्ष ऋषि रामकृष्ण जी महाराज ने कहा परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री डॉ ऋषिकेश्वरानंद जी महाराज आध्यात्मिक तथा शिक्षा जगत में क्रांति लाने वाले एक महान संत थे सच्चे पथ दर्शक थे संपूर्ण विश्व को सनातन का पाठ पढ़ने वाले एकता के सूत्र में बंधने वाले ज्ञान मूर्ति संत थे शिक्षा जगत में उन्होंने प्राचीन काल से ही अपनी मजबूत पकड़ रखी तथा समाज को शिक्षित बनाने के लिए संस्था के माध्यम से अब तक लाखों लोगों को शिक्षित किया उनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान करने के बाद भक्तजन अपने जीवन को धन्य तथा कृतार्थ किया करते थे उनके ज्ञान का प्रताप आज भी संस्था तथा निर्धन निकेतन में विद्यमान है उनके संघर्ष की गाथा उनके समर्पण की गाथा उनके द्वारा समाज में किए गए कार्यों की प्रशंसा आज भी सभी की जवान पर सुनने के लिए मिलती है

ऐसी परम त्याग मूर्ति को जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर हम कोटि-कोटि वंदन करते हैं इस अवसर पर बोलते हुए महंत मोहन सिंह महाराज ने कहा जगत को सही राह दिखाने वाले परम विद्वान तपस्वी संत थे डॉ ऋषिकेशवानंद जी महाराज इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर 1008 श्री हरि चेतनानंद महाराज ने कहा संत एक चलते फिरते तीर्थ के सामान होते हैं जो इधर-उधर घूमते हुए भी लोगों में ज्ञान बांटते हैं तीर्थ के दर्शन करने के लिए आपको स्वयं चलकर जाना पड़ता है लेकिन एक संत के रूप में आपको कहीं पर भी कभी भी एक संत रूपी तीर्थ के दर्शन हो सकते हैं ऐसे ही पावन ज्ञान बांटने वाले समाज को सही दिशा दिखाने वाले परम तपस्वी संत थे श्री ऋषि केशवानन्द जी महाराज ऐसे परम तपस्वी ज्ञान बांटने वाले ज्ञान मूर्ति तपस्वी संत ऋषिकेश्वरानंद जी महाराज के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर हम उन्हें कोटि-कोटि वंदन करते हैं नमन करते हैं इस अवसर पर जन्म उत्सव कार्यक्रम के रूप में आश्रम में अनेको कार्यक्रम आयोजित किए गये इस अवसर पर महंत कमलेशानन्द सरस्वती महामंडलेश्वर दुर्गादास महाराज महंत रवि देव शास्त्री संस्था के परमाध्यक्ष ऋषि रामकृष्ण महाराज महंत दिनेश दास महाराज महंत मोहन सिंह महाराज महंत जगजीत सिंह महाराज ठाकुर मनोजानन्द सहित भारी संख्या में संत महंत महामंडलेश्वर भक्तगण उपस्थित थे

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