उत्तराखण्ड क्रांति दल हरिद्वार द्वारा भूकानून, यूसीसी एवं उत्तराखण्ड मंत्री के विरुद्ध सिटी मेजिस्ट्रेट एवं विधायकों को सौंपा ज्ञापन

कमल शर्मा

हरिद्वार 10मार्च 2025 ,उत्तराखण्ड क्रांति दल हरिद्वार के केन्द्रीय एवं जिला पदाधिकारियों द्वारा उत्तरखण्ड राज्यपाल, विधांसभा अध्यक्ष को भूकानून, यूसीसी एवं उत्तराखण्ड मंत्री के विरुद्ध ज्ञापन हरिद्वार सिटी मेजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रेषित किया एवं हरिद्वार विधायकों को भी ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन द्वारा उक्रांद नेताओं ने मांग की है कि-

(1) जनपद हरिद्वार एवं ऊधम सिंह नगर में उत्तराखण्ड के अन्य जनपदों की भांति भूकानून समान रूप से लागू किया जाय।

(2) उत्तराखण्ड सरकार द्वारा लागू UCC में से एक वर्ष किरायदारी पर निवास करने पर स्थाई निवास की संज्ञा एवं लिविंग रिलेशंशिप प्रावधानों को हटाया जाय।

(3) उत्तराखण्ड सरकार के मंत्री श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल के विरुद्ध अनुशासनिक एवं विधानसभा सत्र के दौरान अमर्यादित आचारण का संज्ञान लेते हुए मंत्री परिषद एवं विधानसभा से निष्काशित एवं बर्खास्त किया जाये।

उत्तराखण्ड क्रांति दल के केन्द्रीय उपाध्यक्ष रवीन्द्र वशिष्ठ ने कहा कि उत्तराखण्ड भूकानून जिसे उत्तराखण्ड में 11 जनपदों में लागू किये जाने एवं तराई जनपदों हरिद्वार एवं ऊधम सिंह नगर को उत्तराखण्ड भूकानून से मुक्त रखने हेतु उत्तराखण्ड भाजपा सरकार के मंत्री मंडल द्वारा स्वीकृत किया जाना उक्रांद असम्वैधानिक मानता है, इस निर्णय से सरकार की अलगबाद नीति की बू आरही है, जो किसी भी प्रकार से उत्तराखण्ड के मूलचूल विकास, जनमानस, भूमि व्यवस्था और भूसंरक्षण के हित में नहीं है, उक्रांद का मानना है कि उत्तराखण्ड भूकानून सम्पूर्ण उत्तराखण्ड में समान रूपसे लागू किया जाना उत्तराखण्ड के हित में है।

उत्तराखण्ड क्रांति दल की केन्द्रीय उपाध्यक्ष श्रीमति सरिता पुरोहित ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा लागू UCC में से कुछ भारतीय संस्कृति व उत्तराखण्ड विरोधी (1) उत्तराखण्ड में 1 वर्ष किरायदारी पर निवास करने पर स्थाई निवासी की संज्ञा मिल जाना उक्रांद का मानना है कि उत्तराखण्ड के हित में नहीं है, (2) लिविंग रिलेशंशिप पंजीकृत करके कानूनी बनाना जिससे भारतीय सभ्यता व संस्कृति व परिवारिक तथा सामाजिक ताना बना छिन्न-भिन्न हो जायेगा, उत्तराखण्ड में स्त्री-पुरुष के रिश्ते के मायने ही बदल जायेंगे उक्रांद का मानना है कि इससे व्याभिचार को ही बढावा मिलेगा, जो किसी भी प्रकार से उत्तराखण्ड के साथ भारत की अस्मिता पर भी आघात होगा, अतः उत्तराखण्ड सरकार द्वारा लागू UCC में से किरायदारी पर निवास करने पर स्थाई निवास की संज्ञा एवं लिविंग रिलेशंशिप पंजीकृत करके कानूनी प्रावधान बनाना उक्रांद का मानना है कि उत्तराखण्ड के हित में नहीं हैं अतः ऐसे प्रावधानों को UCC में से हटाया जाये।

उत्तराखण्ड क्रांति दल की केन्द्रीय उपाध्यक्ष चौधरी बृजवीर सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार के मंत्री श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान उत्तराखण्ड निवासियों को अनर्गल संज्ञा दिये जाने और उत्तराखण्डियों के बारे में अपशब्द व अमर्यादित भाषा का उपयोग करने पर भाजपा सरकार की भूतर्सना करते हुए विधानसभा से निष्काशित एवं बर्खास्त किये जाने की कार्यवाही की जाये।

ज्ञापन दाताओं में केन्द्रीय उपाध्यक्ष रवीन्द्र वशिष्ठ, केन्द्रीय उपाध्यक्ष श्रीमति सरिता पुरोहित, केन्द्रीय उपाध्यक्ष चौधरी वृजवीर सिंह, जिला कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, कुबेर नाथ, उदय राम सेमवाल, जिलाध्यक्ष एस.सी.एस.टी प्रकोष्ठ राजकुमार, जिलाध्यक्ष विधि प्रकोष्ठ एड्‌वोकेट आशुतोष सोती आदि सम्मलित थे।

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