श्री अक्रिय धाम से उठी धर्मस्थलों को कर मुक्त करने की मांग धर्मस्थल धर्म संवर्धन तथा संस्कृति संरक्षण के केंद्र स्वामी अलखानंद अक्रिय महाराज

हरिद्वार 6 अप्रैल 2024 बैरागी कैंप स्थित श्री अक्रिय धाम में आयोजित संत भंडारे तथा समागम के अवसर पर आश्रम के पीठाधीश्वर अनंत विभूषित परम पूज्य श्री अलखानंद अक्रिय महाराज ने कहा भारत की पावन भूमि देवों की जननी है यहां कदम कदम पर भगवान देवी देवता अवतरित हुए हैं संपूर्ण विश्व भारत को दिव्य शक्ति के रूम में पूजता है यहां की माता वीर वीरांगनाओं की गाथा भी अति वंदनीय तथा पूजनीय है संपूर्ण विश्व के लोग धर्म कर्म तथा ज्ञान प्राप्ति हेतु पावन नगरी हरिद्वार तथा अन्य देवस्थलीयों में पधारते हैं किंतु आजकल देश में राम नाम की गाथा गाने वालों की सरकार है फिर भी दान व चंदे से चलने वाले धर्मस्थल मठ मंदिर आश्रम अखाड़ों पर वर्ग फुट के हिसाब से नगर निगम द्वारा कर लगाया गया है जो की पूरी तरह गलत है धर्मस्थलों को पूरी तरह करो से मुक्त किया जाना चाहिए ताकि देश के साथ-साथ विश्व के कोने कोने से आने वाले भक्तजनों को यहां ठहरने की भोजन आदि की सस्ती व सुलभ सुविधा उपलब्ध हो सके वर्तमान स्थिति को देखते हुए जो कर व्यावसायिक भवनों पर लगाया जाना चाहिए वह कर राम नाम का डंका पीटने वाली सरकार के नगर निगम ने मठ मंदिर आश्रम अखाड़ो पर लगा रखा है ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह धर्म नगरी न होकर नगर निगम द्वारा इसे व्यावसायिक नगरी बना दिया गया है ऊपर से पानी के दाम भी प्रतिवर्ष बढ़ाई जा रहे हैं विद्युत के बिल भी आसमान को छू रहे हैं वर्तमान परिस्थितियों में तथा वर्तमान सरकार के कार्यकाल में महंगाई ने आम जनमानस की कमर तोड़ी है ऐसा लगता है जैसे वर्तमान सत्ताधारी पार्टी के लोग आम जनमानस की पीड़ा नहीं जानते हो उद्योगपतियों के मोटे-मोटे कर माफ कर दिए गए छोटे-छोटे गरीब लोगों पर करो कि मार कमर तोड़ रही है सनातन सभी को प्रिय है हम भी सनातन का विश्व में डंका बजता देखना चाहते हैं किंतु आम जनमानस मठ मंदिर आश्रम जो चंदे के बल पर चलते हैं उन पर करो कि इतनी मार अच्छी नहीं नगर निगम द्वारा मठ मंदिर आश्रम में अन्य धर्म स्थलों पर लगाए गए वर्ग फुट के हिसाब से ग्रह कर स्वकार से मठ मंदिर आश्रमों को मुक्त किया जाए तथा पूर्व में चल रहा बकाया भी माफ किया जाए आम जनमानस को महंगाई से निजात दिलाई जाए तभी सनातन की जीत हो सकती है तथा गरीब और अमीर के बीच का कुछ फैसला कम हो सकता है जिसके पास खाने के लिए नहीं है जो दूसरों पर निर्भर है वह वर्ग फुट के हिसाब से नगर निगम को कर कहां से दें जब धर्म और संस्कृति मजबूत होगी तभी देश उन्नति और प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा अन्यथा जब-जब महंगाई अन्य बड़ा है तो परिवर्तन का दौर शुरू हुआ है

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