बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है विजयदशमी: कथा व्यास श्री श्री सुधा दीदी

कमल शर्मा

हरिद्वार, कथा व्यास श्री श्री सुधा दीदी ने विजयदशमी के पर्व के विषय में भक्त जनों के बीच बताते हुए कहा कि यह पर्व आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है इसीलिए इसे विजयादशमी’ कहा जाता है। इस दिन के ‘विजयादशमी’ नाम के पीछे अनेक कारण शास्त्रों में प्राप्त होत हैं। यह दिन देवी भगवती के विजया नाम पर विजयादशमी कहलाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने लंका पर विजय प्राप्त की थी इसलिए भी इसे विजयादशमी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आश्विन शुक्ल दशमी के दिन तारा उदय होने के समय विजय नामक काल होता है इसलिए इसे विजयादशमी कहा जाता है। यह काल सभी कार्यो में सिद्धि प्रदान करने वाला होता है। इस दिन अपराजिता पूजन, शमी पूजन भी किया जाता है। विजयादशमी को वैसे तो क्षत्रियों का प्रमुख पर्व माना जाता है। इस दिन वे शस्त्र पूजन करते हैं। इस दिन ब्राह्मण सरस्वती पूजन करते हैं तथा वैश्य लोग बही-खातों का पूजन करते हैं

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