हरिद्वार ब्रह्मपुरी स्थित श्री वशिष्ठ दूधाधारी सप्तऋषि आश्रम में भक् जनों के बीच अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए श्री सुदर्शन आश्रम अखाड़े के परम विभूषित श्री महंत रघुवीर दास जी महाराज ने कहा भगवान श्री राम के चरणों तक पहुंचाने की युक्ति और मुक्ति का मार्ग गुरु के श्री चरणों से होकर जाता है इस संसार में गुरु ही हमारे सच्चे मार्गदर्शक हैं वे धर्म कर्म के माध्यम से हमारे जीवन में अच्छे संस्कारों का उदय करते हुए हमें ईश्वर भक्ति से जोड़ते हैं चाहे जग छूटे या रब रूठे पर गुरु मेरा ना रूठे क्योंकि अगर भगवान रूठ जाते हैं तो उन्हें मनाने की युक्ति गुरु जी के पास है किंतु अगर गुरु रूठ गये तो उन्हें मनाने की युक्ति किसी के पास नहीं गुरु चरणों की रज मनुष्य के भाग्य को बदल देती है उसके भाग्य का उदय कर देती है इस संसार में ईश्वर तक पहुंचाने की युक्ति और मुक्ति दोनों गुरु के हाथ में होती हैं इसलिए गुरु रूपी ज्ञान की गंगा में गोते लगाकर अपने इस मनुष्य जीवन को सार्थक करें गुरु के श्री चरणों से होकर जाने वाला मार्ग ही भगवान श्री राम तक पहुंचता है अगर गुरु की संगत नहीं करोगे तो इस संसार रूपी भवर में भटकना संभव है अगर गुरु हमारे सच्चे मार्गदर्शक के रूप में हमारे साथ खड़े होंगे तो पल भर में उंगली पड़कर हमें भवसागर पार पहुंचा देंगे इस अवसर पर महंत जय रामदास महाराज महंत श्री सूरज दास महाराज महंत बिहारी शरण महाराज परमेश्वर दास महाराज सहित अन्य को महापुरुषों ने अपने विचार व्यक्त किया