दोनों अखाड़ा परिषदों को जोड़ने को कार्य केवल जूना अखाड़े के अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि ही कर सकते हैं

कमल शर्मा

हरिद्वार। पूर्व में भंग होने के बाद दो फाड़ हो चुकी अखाड़ा परिषद फिर से एक ही दिन में एक हो सकती है। दोनों परिषदों को जोड़ने को कार्य केवल जूना अखाड़े के अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि ही करवा सकते हैं।


दोनों परिषदों के कुछ संतों का कहना है कि श्रीमहंत हरिगिरि महाराज अनुभवी, मिलनसार और सभी संतों को साथ में लेकर चलने वाले हैं। यदि हरिगिरि महाराज प्रयास करें तो दोनों परिषदों को फिर से एक किया जा सकता है।

संतों का मानना है कि हरिगिरि महाराज लम्बे समय से अखाड़ा परिषद के महामंत्री पद पर आसीन चले आ रहे हैं। संन्यासियों का सबसे बड़ा अखाड़ा कहे जाने वाले जूना अखाड़े का संचालन भी उन्होंने भलीभांति करते हुए अखाड़े की साख में वृद्धि की है। इस कारण हरिगिरि महाराज ही एकमात्र संत हैं, जो दो फाड़ हो चुकी अखाड़ा परिषद को एक करते हुए प्रयागराज कुंभ को निर्विघ्नपूर्वक सम्पन्न करवा सकते हैं। अब देखना दिलचस्प होगा की इस कार्य की पहल कौन करता है।

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