हरिद्वार 14 मई 2024 श्री भोलानन्द सन्यास आश्रम के पीठाधीश्वर 1008 महामंडलेश्वर श्री श्री स्वामी तेजसानन्द जी महाराज ने भक्तजनों के बीच अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए कहा गुरुजनों के श्री मुख से प्राप्त होने वाले ज्ञान से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है उनके मन से विकारों का तर्पण होता है और वह गुरुजनों से प्राप्त हुए ज्ञान के माध्यम से उन्नति के पथ की ओर अग्रसर होते है इस पृथ्वी लोक पर गुरु ही ईश्वर के प्रतिनिधि होते हैं जो धर्म कर्म के माध्यम से मनुष्य का लोक और परलोक दोनों सुधार कर उनके जीवन को कल्याण की ओर ले जाते हैं गुरुजनों के श्री मुख से निकलने वाले एक-एक शब्द का बहुत बड़ा रहस्य होता है संत महापुरुष और गुरुजनों द्वारा किये जाने वाले प्रत्येक कार्य में भक्तजनों का हित निहित होता है वे लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें अपने गुरुजनों का पावन सानिध्य प्राप्त होता है संत महापुरुषों के श्री मुख से ज्ञान के रूप में बहने वाली त्रिवेणी में गोते लगाने वाले भक्त बड़े ही भाग्यशाली होते हैं साथ ही ईश्वर की भक्ति भजन और अच्छे संस्कार मनुष्य को उज्जवल जीवन प्रदान करते हैं
गुरुजनों द्वारा प्राप्त होने वाले ज्ञान से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है उसके मन से विकारों का तर्पण होता है महामंडलेश्वर 1008 श्री तेजसानन्द जी महाराज
