हरिद्वार कांगड़ी श्यामपुर स्थित श्रीखंड कैलाश धाम में तृतीय वार्षिक उत्सव संत समागम तथा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया इस अवसर पर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय सभापति परम पूज्य श्री प्रेम गिरि जी महाराज ने कहा मठ मंदिर आश्रम अखाड़े सनातन परंपरा की शंखनाद कर संपूर्ण विश्व को सनातन संस्कृति का पाठ पढ़ाकर ईश्वर से जोड़ते हुए कल्याण की ओर ले जाते हैं भारत भूमि देवों की पावन जननी धरती है इस अवसर पर बोलते हुए श्रीखंड कैलाश धाम के श्री महंत मस्त गिरी जी महाराज ने कहा जब पत्थर पर राम नाम लिखने से वह तैर कर पार हो जाता है तो राम नाम की महिमा का वर्णन सुनने से यह नासवानजीवन भवसागर पार हो जाता है साधु संत गुरुजन ऋषि मुनि भक्तों को धर्म कर्म अनुष्ठान भंडारे के माध्यम से धर्म कर्म कर कर उन्हें भक्ति मार्ग से सीधे भवसागर पार करा देते हैं
रामनवमी का महापर्व भगवान राम की महिमा तथा माता शक्ति की आराधना का एक पतित पावन पर्व है संत महापुरुषों तथा गुरुजनों की संगत मनुष्य को कल्याण की ओर ले जाती है इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर परम पूज्य श्री संजय गिरी जी महाराज ने कहा इस संसार में गुरुजनों की महिमा बड़ी ही अपरंपार है गुरु भक्तों को उंगली पड़कर पल भर में ईश्वर से मिला देते हैं जूना अखाड़े के सभापति परम पूज्य वंदनीय गुरुदेव श्री श्री प्रेम गिरि जी महाराज भी ऐसे ही पावन त्याग मूर्ति संत है
धर्म कर्म और संतों का सानिध्य भक्तों के लिए सदैव कल्याणकारी रहता है इस अवसर पर आश्रम में श्री राम चरित्र मानस पाठ की सुंदर महिमा का वर्णन सुनकर भक्तजनों ने अपने जीवन को धन्य तथा कृतार्थ किया इस अवसर पर महामंडलेश्वर श्री संजय गिरी महाराज महामंडलेश्वर गर्भ गिरी महाराज महंत कोठारी मनोहर गिरी महाराज पंजाबी बाबा जी महंत बिहारी शरण महाराज महंत अंकित शरण महाराज महंत जयरामदास महाराज महंत कमलेशानंद महाराज महंत महानंद महाराज महंत शुक्र गिरी स्वामी गणेशपुरी महंत जयरामदास महाराज अध्यक्ष महंत शिवानंद महाराज स्वामी महंत कमलेशानंद सरस्वती महाराज श्री मोहन भाई मुंबई वाले श्री द्वारकाधीश भानुशाली श्री अखिलेश गुप्ता श्री योगेंद्र सिंह नेगी श्री शिवपाल दंगल श्री अनिल गुप्ता श्री अशोक भारद्वाज श्रीदेवी राम गौतम श्री अमर सिंह सुनैल कमल ठाकुर दीपक बेलवानकर सुदर्शन सहगल श्रीमती नीना शर्मा श्री नरेंद्र गर्ग श्री अनिल शर्मा सहित भारी संख्या में महंत तथा अनेकों मठ मंदिर आश्रमों से आए संत महापुरुष महामंडलेश्वर उपस्थित थे सभी ने भंडारे में भोजन प्रसाद ग्रहण किया तथा संत महापुरुषों के श्री मुख से निकलने वाली ज्ञान की गंगा में गोते लगाये