कमल शर्मा
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के गुरुकुल और ऋषिकुल परिसर में उत्तराखंड शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की नेतृत्व में समस्त शिक्षकों द्वारा काली पट्टी बांधकर विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया गया। शिक्षक संघ महासचिव डॉ सुनील गुप्ता द्वारा बताया गया कि विगत चार महीनों से शिक्षकों का वेतन नहीं निर्गत किया गया है, जिससे शिक्षकों में बहुत रोष व्याप्त है। एक ओर सरकार उत्तराखंड प्रदेश को आयुष प्रदेश बनाने की मुहिम चलाता है और विगत मास देहरादून में अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद कांग्रेस का आयोजन करता है, किंतु दूसरी ओर राज्य के आयुर्वेद विश्वविद्यालय के बजट को रोककर शिक्षकों को तिल तिल कर जीने को मजबूर करता है।

डॉ मयंक में कहा कि विषम परिस्थितियों में जैसे कि सस्पेंड होने पर भी कार्मिकों को जीवन यापन के लिए आधा वेतन तो दिया जाता है, किंतु विश्वविद्यालय द्वारा समस्त कार्मिकों को पिछले चार महीनों से वेतन ही नहीं दिया गया है। कार्मिकों के संज्ञान में आया है कि कार्मिकों के विरोध को देखकर विश्वविद्यालय द्वारा 2 या 3 महीने का वेतन निर्गत करने को सहमत हुआ है। संघ अध्यक्ष डॉ अवधेश कुमार मिश्रा द्वारा कहा गया कि बकाया वेतन को पूर्ण निर्गत किए बिना और नियमित वेतन की व्यवस्था बनाए जाने तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। वेतन कार्मिकों का अधिकार है, विश्वविद्यालय का वेतन संबंधी अनियमित व मनमाना बर्ताव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विश्वविद्यालय को सुचारू रूप से चलने के लिए विश्वविद्याल प्रशासन, शासन तथा सरकार को साथ मिलकर समाधान निकालना चाहिए। समस्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने उक्त प्रकरण में माननीय मुख्यमंत्री से प्रकरण में हस्तक्षेप व समाधान का निवेदन किया गया।