हरिद्वार श्यामपुर स्थित श्री श्याम वैकुंठ धाम के परमाध्यक्ष परम विभूषित वंदनीय श्री महंत श्यामसुंदर दास जी महाराज ने भक्तजनों के बीच उद्गार व्यक्त करते हुए कहा गुरु भक्ति एक औषधि के समान है जो हमारे अंतः करण के सभी विकारों को समूल नष्ट कर देती है इन्हीं विकारों के कारण ही हम सब दुःख रूपी सागर में डूबता जा रहे हैं गुरु भक्ति रुपी औषधि का सेवन करने से निश्चित ही भवसागर पार हो जाएंगे जीवन का अर्थ मात्र खाना-पीना आराम करना अच्छे भौतिक साधनों का प्रयोग करना ही नहीं है वरन् वास्तविक रूप में जीवन का अर्थ है सार्थकता हर मनुष्य का जन्म इस धरा पर एक विशेष कारण से होता है इसीलिए मनुष्य होने के कारण हर व्यक्ति का यह कर्तव्य होना चाहिए कि वह अपने सामाजिक पारिवारिक दायित्वों को निभाने के साथ-साथ एक मनुष्य होने का दायित्व भी निर्वहन करें आज के इस आधुनिक और पाश्चात्य संस्कृति की ओर झुकते हुए हमारे समाज में यह आमतौर पर देखा गया है कि भविष्य का निर्माण करने वाली पीढ़ी पतन की ओर अग्रसर हो रही है
इस अंतहीन दौड़ में अपने जीवन के वास्तविक मूल्य को तिलांजलि दे चुकी है ऋषि महा ऋषियों का स्पष्ट कथन है कि जो जैसा सोचता है और करता है वह वैसाही बन जाता है आज इस धरती पर हर व्यक्ति गुरु बनाने में बनने की होड़ में लगा हुआ है कौन कितना अधिक संख्या में भीड़ एकत्र कर सकता है व्यक्ति गुरु बनाना मान प्रतिष्ठा की बात समझता है किंतु गुरु के प्रति अपने कर्तव्यों और दायित्वों के बारे में शायद एक बार भी विचार नहीं करता मुझे इस बात की अत्यंत प्रसन्नता है कि इस युग में भी गुरुदेव ने हमें सतयुग जीवन का आनंद प्रदान किया है अन्यथा हमारी स्थिति भी मांझी विहीन नोका के समान होती जो भवसागर की लहरों में अकेली ही थपेड़े खाती हुई बढ़ती जाती किंतु हमारे सतगुरु उसे शक्तिशाली मांझी के सदृश हमें इस संसार के थपेडो से बचाते हुए ले जा रही है मेरे पास कहने के लिए सिर्फ इतना है हमारा जीवन गुरु रूपी धुरी के चारों ओर चक्कर काट रहा है हमारा हर विचार उन्हें से शुरू होकर उन्हें पर पूर्ण होता है हमारे गुरुदेव सामान्य मनुष्य शरीर में परमपिता परमेश्वर ही है सतगुरु जहां रहते हैं वहां उनकी तपश्चेतना का घनीभूति प्रभाव छाया रहता है न जाने कितने देवी देवता ऋषि महर्षि सिद्ध जन उनसे मिलने के लिए आते हैं गुरु देव के आश्रम में रहकर स्वयं मैंने यह अनुभव किया है कि उनकी आध्यात्मिक ऊर्जा भी उस क्षेत्र में घूमती रहती है ऐसे तपो मूर्ति संत गुरु भगवान श्री श्री 1008 पंडित राम गोपाल जी महाराज अलवर वाले बाबा जी के श्री चरणों में हम उन्हें शत-शत नमन करते हैं श्री श्याम वैकुंठ धाम श्यामपुर गुरु कृपा का ही एक अनूठा समागम है जहां जो सच्चे मन से सच्ची आस्था लेकर आया वह खुशियों की झोलियां भर कर अपने घर हस्तागात गया 23 मई 2024 को संत महापुरुषों की गरिमा मय उपस्थिति में श्री श्याम वैकुंठ धाम का वार्षिक उत्सव धूमधाम हर्षोल्लास के साथ संपन्न होगा प्रथम वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में पधारने हेतु श्री महंत रवींद्र पुरी जी महाराज अध्यक्ष मां मनसा देवी ट्रस्ट अध्यक्ष अखाड़ा परिषद को निमंत्रण देकर आमंत्रित करते तथा शिष्टाचारिक भेट वार्ता करते श्री महंत श्यामसुंदर दास जी महाराज