हरिद्वार : कनखल स्थित माता शीतला माता मंदिर मे परम पूज्य श्री श्री श्री श्री बाबा नीम करौली जी महाराज एवं उनके परम शिष्य परम पूज्य श्री श्री 1008 सेवानंद जी महाराज की पावन कृपा अनुसार उनकी परम शिष्य श्री श्री श्री 1008 साध्वी मां पूनम माता के पावन सानिध्य में एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया
इस अवसर पर बोलते हुए श्री श्री 1008 गुरु माता पूनम जी ने कहा इस संसार में प्रेम सारस्वत है प्रेम की भाषा को ज्ञानी के साथ-साथ वह पशु भी समझ सकते हैं जो बोल नहीं सकते जो पढ़ नहीं सकते प्रेम से ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है प्रेम से संसार से जीता जा सकता है प्रेम से ईश्वर तक भी पहुंचा जा सकता है प्रेम ही इस संसार का सारस्वत सत्य है अगर कोई और दूसरी सच्चाई कुछ है तो वह है मनुष्य के मन मंदिर में और मस्तिष्क में छिपा सेवा भाव अगर आप निस्वार्थ भाव से किसी की सेवा करते हैं तो उसमें समर्पण स्वतः ही उत्पन्न हो जाता है अगर आप किसी भूखे को या जरूरतमंद को भोजन कराते हैं तो आपको कठोर तपस्या और यज्ञ से जो फल प्राप्त होना चाहिए वह फल आपको प्राप्त होगा
इस संसार में गुरु परमात्मा का स्वरूप है परम पूज्य श्री श्री श्री 1008 बाबा नीम करौली जी महाराज तथा उनके परम शिष्य श्री श्री 1008 सेवानंद जी महाराज इस पृथ्वी लोक पर भक्तों को सत्य की राह दिखाने वाले परम तपस्वी त्याग मूर्ति संत थे उनके ज्ञान की डोर साक्षात ईश्वर से बंधी हुई थी उन्होंने प्रेम सेवा और भोजन करने में ही ईश्वर की खोज की और इन्हीं तीन मित्रों के माध्यम से भक्तों को कल्याण का मार्ग ढूंढने की सीख दी
इस अवसर पर भारी संख्या में उनके साथ आये भक्तगण तथा स्थानीय नागरिक उपस्थित थे