हरिद्वार श्यामपुर कांगड़ी स्थित सद्गुरु आश्रम में भक्तजनों के बीच अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर परम पूज्य श्री संजय गिरी जी महाराज ने कहा इस कलयुग में ईश्वर भक्ति ही मनुष्य के कल्याण का माध्यम है जो भक्ती करेगा वह भक्ति रूपी नैया में सवार होकर भवसागर पार हो जायेगा भक्ति वह दर्पण है जो हमें सब कुछ दर्पण की तरह महसूस करा देती है अच्छाई और बुराई से अवगत करा देती है क्या भला है क्या बुरा है इसकी की पहचान करा देती है भक्ति ही मनुष्य को निश्छल मन करती है जिसके मन में अच्छे बुरे का भाव ना हो तथा उसके मन में दया का बसेरा हो वह भगवान और भक्ति को स्वयं प्राप्त हो जाता है सिर्फ अपने मन से अच्छाई और बुराई को दूर करना पड़ता है अगर यह दूर हो गया तो आपका मन दर्पण की तरह साफ हो जाता है यही ईश्वर तक पहुंचाने का माध्यम है