भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक भाई दूज का त्योहार: कथा व्यास श्री श्री सुधा दीदी

हरिद्वार 2 नवंबर, कथा व्यास श्री श्री सुधा दीदी ने भाई दूज के महत्व के बारे मे अपने भक्तजनों को बताया कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई-बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक के रूप में भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है l इस दिन यमराज की बहन यमुना ने अपने भाई को आदर सत्कार के साथ अपने घर आंमत्रित किया था और भोजन कराया था. दरअसल, यमुना को सूर्य देव की पुत्री माना जाता है.भाई दूज के दिन भाई को पान खिलाना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन पान खिलाने से बहनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भाई दूज के दिन यम देवता और यमुना का पूजन किया जाता है। इसके अलावा यम और यमुना की कथा को भी सुना जाता है।भाई दूज के दिन यमराज और चित्रगुप्त की पूजा करनी चाहिए। उनके नाम पर अर्घ्य और दीप दान करना चाहिए। इस दिन तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी न करें। इसके अलावा भाई के द्वारा दिया गया उपहार का निरादर नहीं करना चाहिए। भाई दूज के दिन बहन को तिलक करने से पहले अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। भाई का तिलक न करने तक बहन को व्रत करना चाहिए।

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