इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है: कथा व्यास श्री श्री सुधा दीदी

हरिद्वार, कथा व्यास श्री श्री सुधा दीदी ने अपने श्री मुख से भक्तजनों के बीच दुर्गा की नौवीं शक्ति का उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्र के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। दुर्गाओं में मां सिद्धिदात्री अंतिम हैं। मां सिद्धिदात्री की कथा को विस्तार देते हुए आगे बताया कि , एक दिन भगवान शिव माता सिद्धिदात्री की घोर तपस्या कर रहे थे। उनकी तपस्या से माता सिद्धिदात्री प्रसन्न हो गई और उन्होंने भगवान शिव को आठ सिद्धियों ( अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य ईिशत्व और वशित्व ये आठ सिद्धियां होती हैं। ) की प्राप्ति का वरदान प्रदान कर दिया। इस वरदान के फलस्वरूप भगवान शिव का आधा शरीर देवी के रूप में परिवर्तित हो गया। मां सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है। ये कमल पुष्प पर आसीन होती हैं। इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प है l मां सिद्धिदात्री का मंत्र –या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।

कथा व्यास श्री श्री सुधा दीदी ने अपने भक्तजनों को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की 🙏🙏

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