हरिद्वार 19 सितंबर कथा व्यास श्री श्री सुधा दीदी ने अपने श्री मुख से प्रभु की महिमा का बखान करते हुए कहा कि भक्ति और आस्था सीधे ईश्वर तक पहुंचती है अगर आवश्यकता है तो विचारों में शुद्धता, संस्कारों में शुद्धता और भक्ति में सच्चे भाव ही ईश्वर तक पहुंचने का सच्चा मार्ग है l रुपया पैसा चढ़ावा या क्या प्रसाद लाये हैं ईश्वर यह नहीं देखते वह अपने भक्त के मन में बसी सच्ची भक्ति को देखते हैं उसकी सच्ची आस्था को देखते हैं अब यह आपकी भक्ति पर निर्भर है कि उसमें कितना सच्चा भाव है उसी के अनुसार आपको किसी न किसी स्वरूप में परमात्मा के दर्शन होंगे l
पितृपक्ष के बारे में भक्तों द्वारा पूछने पर इसकी महत्ता को बताते हुए श्री श्री सुधा दीदी ने कहा कि हिंदू धर्म के अनुसार, यह माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान, पूर्वजों की आत्माएं पृथ्वी पर आती हैं और उनके परिवार के सदस्य उन्हें शांति और जीविका प्रदान करने के लिए अनुष्ठान करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।