ज्योतिष वह विज्ञान है जिसके माध्यम से जातक के 12 घरों में 12 राशियों की ग्रहों की चाल और काल की गणना की जाती है: महंत रवींद्र पुरी जी महाराज

हरिद्वार,जगदगुरू आश्रम कनखल में एक दिवसीय अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन हुआ विश्व परिपेक्ष में भारत की भूमिका ग्रह नक्षत्र के अनुसार विषय पर ज्योतिषाचार्य,आचार्य, विद्वानों ने व्याख्यान प्रस्तुत किया आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमान रविंद्र पुरी जी महाराज ने इस आयोजन की प्रशंसा की

इस अवसर पर बोलते हुए जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी राज राजेश्वरानंद महाराज ने कहा ज्योतिष को हास्यास्पद बनाने वाले बहुत लोग बाजार में आ चुके हैं यह विद्या दुकान चलाने के लिए नहीं कल्याण के लिए है जन्म से लेकर अवसान तक की समस्त जानकारी ज्योतिष में ही समाहित है इसी अवसर पर बोलते हुए निरंजन पीटाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलशानंद जी ने कहा कि ज्योतिष आत्म चिंतन का माध्यम है इस विद्या के जरिए दर्शन भी संभव है नवग्रह और 27 नक्षत्र सभी रेखांश और अक्षांश पर निर्भर हैंl

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी जी महाराज ने कहा कि ज्योतिष वह विज्ञान है जिसके माध्यम से जातक के 12 घरों में 12 राशियों की ग्रहों की चाल और काल की गणना की जाती है ज्योतिष ऐसी विधा है कि इसके जरिए किसी जातक के भविष्य को बताया जा सकता है उन्होंने कहा कि आधुनिकता की आंधी में आज हर कोई ज्योतिषाचार्य बन रहा है बल्कि वास्तविक ज्योतिषी ही किसी जातक के बारे में सही सही जानकारी दे सकता हैl

विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण ने देश-विदेश के ज्योतिष आचार्य को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया सम्मानित होने वालों में सम्मेलन के संयोजक रमेश सेमवाल, आचार्य सुदेश शर्मा, वात्सल्य शर्मा,विश्व कुमार शर्मा,डॉक्टर ललित पंत,डॉक्टर कुमार गणेश, डॉक्टर लेखराज द्विवेदी,स्वामी देवानंद महाराज, आदि शामिल रहेl

सम्मेलन में महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज, श्री जगतगुरु आश्रम ट्रस्ट के उपाध्यक्ष जगदीश गुप्ता महामंत्री रविंद्र सिंह भदौरिया, उमेश त्रिवेदी,डॉक्टर गौरव मिनोचा,अभिषेक कौशिक, नारायण शास्त्री, देवानंद महाराज आशु रणदेव, लक्ष्मण नागर स्वामी अक्षानंद, वरिष्ठ समाज सेवी जगदीश लाल पाहवा, डॉ सुनील बत्रा, पूर्व प्रदेश महामंत्री भाजयुमो हरजीत सिंह आदि बड़ी संख्या में संत एवं भक्त मौजूद रहेl

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