हरिद्वार 8 सितंबर 2024 (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द) श्यामपुर स्थित श्री श्याम वैकुंठ धाम के परमाध्यक्ष 1008 श्री महंत श्यामसुंदर दास जी महाराज ने भक्तजनों के बीच अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए कहा गुरु भगवान के भक्त होते हैं संतो को कभी सताना नहीं चाहिए क्योंकि अगर भगवान रूठ जाए तो मनुष्य को ठोर मिल सकती है गुरु की शरण में जाने से भगवान को मनाने का उपाय हो सकता है किंतु अगर इस भगवान का भक्त रूठ जाये तो इस पृथ्वी लोक पर उसका कोई सानी नहीं है उसको कोई ठोर नहीं है इसलिए हे भक्त जनों जो गुरु आपके कल्याण की कामना के लिए भगवान की आराधना में लगे रहते हैं उनका सदैव सम्मान करो और उनके बताएं पथ पर चलकर अपने इस नासवान जीवन को सार्थक कर लो मनुष्य सदैव तृष्ण के लालच में फंसा रहता है और गुरु अपने उस भक्त के कल्याण की लालसा लिए भगवान भजन में लगा रहता है इसलिए इस पृथ्वी लोक पर गुरु ही ज्ञान के दाता हैं गुरु ही सत्य का मार्ग है गुरु ही हमारे कल्याण दाता है गुरु से बड़ा हमारा कोई हित चिंतक नहीं होता परम पूज्य गुरुदेव पंडित राम गोपाल शर्मा अलवर वाले बाबा भी भगवान का पथ दिखाने वाले भक्तों के कल्याण दाता कष्ट हरता परम तपस्वी संत थे उनके ज्ञान का प्रताप आज भी श्याम बैकुंठ धाम तथा सभापुर दिल्ली स्थित दरबार में मौजूद है जहां भक्तगण रोटी-पीटते आते हैं और कष्ट हारने के बाद हंसते मुस्कुराते गाते बालाजी के दरबार से अपने घर को जाते हैं
भगवान रूठे तो ठोर है भक्त रूठे नहीं ठोर इसलिए भगवान के भक्त को कभी सताना नहीं चाहिए श्री महंत श्याम सुंदर दास महाराज
