तू इस मन का दास ना बन इस मन को अपना दास बना ले महामंडलेश्वर संजय गिरी जी महाराज

हरिद्वार कांगड़ी स्थित श्री प्रेम गिरी बनखंडी धाम में भक्त जनों के बीच अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर 1008 परम पूज्य श्री संजय गिरी जी महाराज ने भक्तजनों को कहा यह मन बड़ा ही चंचल होता है इसे हरि भक्ति में लगाओ इसका दास बनने की बजाय इसे अपना दास बना क्योंकि जो मन का दास बन जाता है वह मन के बहाव में आकर विपरीत कार्य करने लगता है और दुर्गति को प्राप्त होता है किंतु हरि भजन उसे सद्गति प्रदान करता है और मन का तर्पण करता है इसलिए तू इस मन का दास ना बन इस मन को अपना दास बना ले इसे हरि भजन से साध

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