हमारे अनुसंधान समाज के लिए उपयोगी हाें : प्रो. सत्येंद्र मित्तल

कमल शर्मा

हरिद्वार, 31 अगस्त। पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में योग विज्ञान के शोधार्थी जयदीप नेगी की पी-एच.डी. मौखिकी परीक्षा सम्पन्न हुई।
मनोविज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक कुमार भारद्वाज के निर्देशन में शोधार्थी ने ‘लघु शंखप्रक्षालन क्रिया (यौगिक जठरांत्रीय शुद्धिकरण) का शरीर संरचना, अंतरानुभूति जागरूकता और स्वस्थ वयस्कों में चयनित शारीरिक मापदंडों पर प्रभाव’ विषय पर अपना शोध कार्य पूर्ण किया जिसमें परीक्षक के रूप में उत्तराखण्ड संस्कृत वि.वि. के योग विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. कामाख्या कुमार ने शोधार्थी का मूल्यांकन किया जिसके उपरान्त परीक्षक द्वारा शोधार्थी को पी-एच.डी. उपाधि प्रदान किये जाने की संस्तुति प्रदान की गई।


इस अवसर पर वि.वि. के प्रति-कुलपति प्रो. सत्येंद्र मित्तल ने कहा कि शोध कार्य हमेशा उच्चस्तरीय हों तथा समाज के लिए उपयोगी भी हों। संकायाध्यक्ष (शिक्षण एवं शोध) प्रो. वी.के. कटियार ने शोधार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि शोध कार्य में उपयुक्त शोध-प्रणाली एवं शोध के नैतिक मापदण्डों का शत-प्रतिशत पालन करना हमारा कर्त्तव्य होना चाहिए। मुख्य मौखिकी परीक्षा के दौरान डॉ. बिपिन कुमार दूबे, डॉ. मोनिका शर्मा, श्री गिरिजेश मिश्र सहित वि.वि. के आचार्य एवं विभिन्न संकायों के शोधार्थीगण उपस्थित रहे।

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