कमल शर्मा
गोरखाली महिला कल्याण समिति ने मनाया हरितालिका तीज पर्व
हरिद्वार, 25 अगस्त। गोरखाली महिला कल्याण समिति के तत्वाधान में हरितालिका तीज हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ हाईवे स्थित श्यामसुंदर भवन में मनाया गया। गोरखाली समाज की महिलाओं एवं बच्चों ने हरितालिका तीज महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों से समा बांधा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथी इंजीनियर विष्णु प्रसाद बराल ने हरितालिका तीज की बधाई देते हुए कहा कि संस्कृति, कला एवं परंपरांओं को दर्शाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत नेपाल देश की मित्रता पूर्व से ही चली आ रही है। रोटी बेटी का रिश्ता दोनों देश निभाते चले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल संस्कृति परंपरांओं का संदेश समाज को देती है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है।
बेटियों के संरक्षण संवर्द्धन में सभी को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। विष्णु प्रसाद बराल ने कहा कि बेटियों की शिक्षा के लिए समान अवसर प्रदान करने की आवश्यकता हैं। संरक्षक डा.पदम प्रसाद सुवेदी ने कहा कि हरितालिका तीज महिला सशक्तिकरण को भी दर्शाने का माध्यम है। महिलाओं को भारतीय पंरपरांओं में देवी का दर्जा दिया गया है। प्रतिवर्ष नेपाली समाज के लोग हरितालिका तीज में मिलजुल कर एक दूसरे को बधाई देते हुए खुशीयां बांटते हैं। समाज में समरसता का संदेश हरितालिका तीज देता है। गोरखाली महिला कल्याण समिति की अध्यक्ष पदमा पांडे ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को दर्शाने वाला हरितालिका तीज महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। महिलाएं निर्जल रहकर अपने पति की दीघार्यू की कामना करती हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाएं परंपरांओं के नेपाली गीतों पर अपनी संस्कृति की झलक को कार्यक्रम में प्रस्तुत किया। हरितालिका तीज में महिलाओं ने हरे वस्त्र धारण और अपने परंपरांओं का श्रंग्रार हरितालिका तीज में शामिल हुई। नेपाली व्यंजनों का लुत्फ महिलाओ, बच्चों और वरिष्ठजनों ने लिया। गिरवर नाथ जनकल्याण धर्मार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल खड़का ने कहा कि हरितालिका तीज नेपाली संस्कृति को दर्शाता है। बहन बेटियों को आमंत्रित भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि पर्व हमारी संस्कृति का प्रमुख हिस्सा हैं। प्रतिवर्ष नेपाली समुदाय के लोग हरितालिका तीज हर्षोल्लास व उल्लास के साथ मनाते चले आ रहे हैं। उन्होंने सभी अतिथीयों का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन लोकनाथ सुवेदी ने किया। इस अवसर पर स्वामी हरिहरानंद महाराज, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी दिनेश दास, शारदा सुवेदी, रेखा शर्मा, तारा अर्याल, भगवती ओझा, लक्ष्मी शर्मा, मधु पांडे, तनुजा पांडे, भावना शर्मा, लक्ष्मी धिमिरे, कमला पांडे, मंदिरा शर्मा, रमा पांडे, सपना खड़का, पार्वती कंडेल, माया रेवले, चंपा उपाध्याय, उमा उपाध्याय आदि मौजूद रहे।