हरिद्वार श्यामपुर स्थित श्री श्याम वैकुंठ धाम मे भक्तजनों के बीच उद्गार व्यक्त करते हुए श्री महंत श्यामसुंदर दास जी महाराज ने कहा गुरुजनों का सानिध्य हरि भजन और सत्संग और अच्छी संगत बड़े ही भाग्यशाली लोग ग्रहण कर पाते हैं अगर आप किसी अज्ञानी मानव को अच्छा संस्कारी बनना चाहे तो उसमें उसकी सहभागिता होना भी जरूरी है क्योंकि जब तक वह अपनी अज्ञानता का पर्दा स्वयं अपने मन मस्तिष्क से नहीं हटाएगा बड़े से बड़ा ज्ञानी भी उसका उद्धार नहीं कर सकता उसके अंदर अच्छे संस्कार नहीं डाल सकता इसलिए जीवन में अच्छी उठ बैठ अच्छी सोच अच्छे विचार साधु संतों की संगत गुरुजनों का आशीर्वाद तथा अपने माता-पिता का स्नेह आशीर्वाद और संस्कार होना आवश्यक है यह सब गुरुजनों के प्रताप से ही संभव हो सकता है जब भी समय मिले जहां भी सत्संग हो रहा हो उसे कुछ पल रुक कर ध्यान से अपने मन मस्तिष्क में धारण करें यही आपके कल्याण का माध्यम बनेगा अच्छी संगत और गुरु की शरण मनुष्य का भाग्य बदल देती है किंतु इसके लिए मनुष्य को गुरु की शरण में जाना आवश्यक है
Related Posts
संस्कृत छात्र क्रीडा प्रतियोगिता का शुभारंभ कल से
- Kamal Sharma
- December 8, 2024
- 0