गुरु वचनों की दिव्यता अंधकार में प्रकाश के सामान महामंडलेश्वर संजय गिरी महाराज

हरिद्वार कांगड़ी स्थित श्री प्रेम गिरी बनखंडी धाम में भक्तजनों के बीच अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर 1008 परम पूज्य श्री संजय गिरी जी महाराज ने कहा गुरु के वचन अंधकार में प्रकाश के सामान होते हैं जो भक्तों के सुने पड़े मन मस्तिष्क में ज्ञान के सूर्य का उदय कर देते हैं संत महापुरुषो का जीवन समाज को समर्पित होता है संतो द्वारा किये गये प्रत्येक कार्य में जगत कल्याण की भावना निहित होती है जिस प्रकार पृथ्वी दूषित जल को भी नितार कर शुद्ध और पीने योग्य बना देती है उसी प्रकार गुरु के वचन गुरु की वाणी हमारे जीवन के सभी संताप विकार और मन मस्तिष्क में बसे अंधकार को दूर कर उसमें ज्ञान रूपी प्रकाश का उदय कर देते हैं धन्य है हमारे धर्मगुरु धन्य है हमारी संस्कृति धन्य है हमारी पावन धरती भारत भूमि जिसमें देवी देवता जन्मे है और गुरुजनों ने उनका मार्गदर्शन किया है जब-जब इस पावन धरा पर ईश्वर अवतरित हुए हैं तो उन्हें भी गुरु के मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ी है जब राम जी इस पृथ्वी लोक पर आये तो उनके गुरु श्री स्वामी विश्वामित्र जी महाराज ने उनका मार्गदर्शन किया इसी प्रकार अन्य देवी देवताओं को भी गुरु के मार्गदर्शन की जरूरत पड़ी गुरु का मार्ग दर्शन ही हमें ईश्वर तक पहुंचता है ईश्वर तक पहुंचाने का मार्ग गुरु के श्री चरणों से होकर ही जाता है अगर अपना कल्याण चाहते हो तो गुरु के बताए मार्ग पर चलो

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