राजधानी का त्याग कर देवभूमि की ओर रुख़ कर रहे संत के रूप मे कालनेमी।

कमल शर्मा (हरिहर समाचार)

हरिद्वार। देवभूमि उत्तराखंड में सरकार और प्रशासन जिस प्रकार ऑपरेशन कालनेमि के तहत फर्जी, ढोंगी एवं जालसाज बाबाओं पर शिकंजा कस रहें हैं। संत समाज सरकार की इस कार्यवाही को लेकर काफी उत्साहित है। अखाड़े,आश्रम और मठो से जुड़े मठाधीश भी ऑपरेशन कॉलनेमी के तहत की जाने वाली कार्रवाई को लेकर सरकार की पीठ ठपठपा रहे हैं। वहीं कुछ कालनेमी ऐसे भी हैं। जिनका ना ही तो कोई गुरु है ना ही वह संत है। पत्नी संग बच्चों एवं परिवार का भौतिक सुख प्राप्त करने के बाद भी खुद को श्रीमहंत की पदवी देकर स्वयं को संत साबित करने पर तुला है। देश की राजधानी दिल्ली से जुड़े राजकुमार नमक इस व्यक्ति ने देवभूमि उत्तराखंड की पावन धरती हरिद्वार में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। खुद को श्रीमहंत योगी राजकुमार नाथ बताकर लोगों को गुमराह कर रहा है। नाथ संप्रदाय से जुड़ा होने का दावा करने वाला यह व्यक्ति कुछ संत महात्माओं के साथ फोटो खिंचवाकर फेसबुक के माध्यम से स्वयं को श्रीमहंत लिखकर लोगों के बीच में अपनी संत रूपी छवि साबित करने में जुट गया है। आपको बता दें कि यह व्यक्ति कुछ समय पहले तक दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में संत महात्माओं के साथ रहकर अपनी छवि सुधारने में लग गया था। कालनेमि के रूप में यह व्यक्ति पारिवारिक होने के बावजूद बिना गुरु दीक्षा प्राप्त कर भगवा धारण कर स्वयं को श्रीमहंत की पदवी से सुशोभित कर रहा है। कमाल की बात तो यह है कि इस व्यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर नजर डालें तो उसने अपनी आईडी में खुद को श्रीमहंत लिखा है। जबकि यदि उनकी पोस्ट पर गौर करें तो कभी खुद अपना उपनाम चौहान तो कभी किसी दल का अध्यक्ष और कभी पदाधिकारी दर्शा रखा है। वर्तमान में यह व्यक्ति हरिद्वार के श्यामपुर क्षेत्र में आकर अपना डेरा जमाए हुए हैं। खुद को यही के एक मठ का पीठाधीश्वर बता रहा है। देखना होगा की सच्चाई सामने आने के बाद शासन प्रशासन ऐसे बहरूपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है ।

रिपोर्ट :पत्रकार विक्की सैनी

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