ब्रेकिंग न्यूज़ हरिद्वार1
मुस्कान राजपूत
हरिद्वार में एक कथित महिला पत्रकार इन दिनों चर्चा का केंद्र बनी हुई है। कभी रुड़की में सट्टा माफिया से ब्लैकमेलिंग के मामले में पिटने से बाल-बाल बची यह महिला अब हरिद्वार के एक प्रतिष्ठित आश्रम पर पूरी तरह काबिज हो चुकी है। हालत ये हैं कि आश्रम के बाबा भी अब उसी की भाषा बोलते हैं और हर फैसले में वही हावी नजर आती है।
आश्रम से जुड़े लोगों का कहना है कि अब यह महिला तय करती है कि कौन पत्रकार आश्रम में घुसेगा और कौन नहीं। उसका साफ कहना है कि जो भी पत्रकार आश्रम में रिपोर्टिंग के लिए आएगा, वो उसकी मर्ज़ी से आएगा। कई बार बाहर से आए मीडिया कर्मियों को सिर्फ इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि उन्हें इस महिला की इजाजत नहीं थी।
जानकारी के मुताबिक, इस आश्रम में न ही आम लोगों के लिए खुला माहौल होता है। लेकिन जब भी कोई पत्रकार किसी सामाजिक या धार्मिक पहलू को कवर करने आता है, तो यह महिला तुरंत हावी हो जाती है और उन पर आरोप मढ़ देती है कि वे बिना वजह वीडियो बनाने आए हैं या माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
स्थानीयों का कहना है कि महिला खुद को पत्रकार बताकर अंदर तक पहुंची और धीरे-धीरे पूरे आश्रम पर नियंत्रण कर लिया। अब आश्रम में उसकी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता। यहां तक कि वह यह भी तय करती है कि किससे बाबा मिलेंगे और किससे नहीं।
लोगों में नाराजगी है कि पत्रकारिता की आड़ में अब धार्मिक स्थलों पर कब्जे जैसी हरकतें हो रही हैं। सेवा और आस्था की जगह को निजी स्वार्थ का अड्डा बनाया जा रहा है।