वैष्णव नृसिंह धाम पीठ द्वारा चतुर्गुणिय होमात्मक श्री अति लक्ष्मी नारायण महायाग सत्र का विधिवत समापन समारोह हुआ संपन्न

कमल शर्मा(हरिहर समाचार)

हरिद्वार 9 मई 2025 ,श्री बाधापुरी क्षेत्र माँ गंगा भागीरथी पाचन तीर्थ क्षेत्र स्थली में जगद्‌गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी आयोध्याचार्य जी की अध्यक्षता में मन्दिर नृसिंहपुरी रामानन्दीय श्री वैष्णव नृसिंह धाम पीठ द्वाराः चतुर्गुणिय होमात्मक श्री अति लक्ष्मी नारायण महायाग सत्र का विधिवत समापन समारोह संपन्न हुआ। यज्ञ कार्यक्रम टीलाद्वाराचार्य मंगलपीठाधीश्वर श्री स्वामी माधवाचार्य जी को निर्देशानुमार सम्पन्न हुआ l इस अवसर पर आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए जगतगुरु रामानंदाचार्य श्री अयोध्या दास महाराज ने भक्तजनों पर अपने ज्ञान की वर्षा करते हुए कहा धर्म कर्म पूजा पाठ और यज्ञ अनुष्ठान ही इस पृथ्वी लोक पर मानव जीवन कल्याण का मार्ग है सतगुरु का पावन सानिध्य धर्म कर्म के माध्यम से भक्तों के भाग्य का उदय कर देता है इस अवसर पर बोलते हुए नृसिंह धाम के महंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर पावन गंगा की वह धार है जो धर्म-कर्म के माध्यम से व अपने आत्म ज्ञान का बोध कराकर हमारा मानव जीवन सार्थक कर देते हैंl

इस अवसर पर बोलते हुए गुरु सेवक निवास उछाली आश्रम के परमा ध्यक्ष 1008 श्री महंत विष्णु दास महाराज ने कहा जिस पर भगवान विष्णु एवम माता लक्ष्मी जी की कृपा हो जाये तथा सतगुरु का पावन सानिध्य प्राप्त हो जाये तो उससे बड़े भाग्य की और क्या बात हो सकती है सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर साक्षात ज्ञान की सरिता है जो धर्म-कर्म दान सत्संग के साथ-साथ अपने ज्ञान के संवर्धन से गुरुदेव हमारे भाग्य का उदय कर देते हैं सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर हमारे सच्चे मार्गदर्शक होते हैं इस अवसर पर बोलते हुए महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा इस प्रकार के पावन धार्मिक आयोजन देश धर्म तथा विश्व में शांति की स्थापना करने के साथ-साथ सुख शांति और समृद्धि की वर्षा करते हैं और ऐसे पावन कार्यों से संत महापुरुषों एवं गुरुजनों की संगत करने का सौभाग्य प्राप्त होता है जो मनुष्य के लोक एवम परलोक दोनों को सुधार देते हैं l

महामंडलेश्वर राम मुनि महाराज ने कहा भजन यज्ञ अनुष्ठान संत महापुरुषों के पावन ज्ञान की वर्षा बड़े ही भाग्यशाली लोगों को प्राप्त होती है सतगुरु का ज्ञान सारस्वत होता है जो हमारे भाग्य का उदय कर देता है इस अवसर पर बोलते हुए महंत सूरज दास महाराज ने कहा सतगुरु का पावन ज्ञान हमारे जीवन का कायाकल्प कर देता है एवम हमारे भाग्य का उदय कर देता है अपने ज्ञान की वर्षा से हमारे मन मस्तिष्क में उच्च संस्कार भरने के साथ-साथ धर्म कर्म के माध्यम से हमारे भाग्य का उदय कर देते हैं इस अवसर पर बोलते हुए साध्वी वैष्णवी जय श्री ने कहा इस पृथ्वी लोक पर अगर कोई हमारे भाग्य का उदय कर सकता है तो वह हमारे सतगुरु देव होते हैं ज्ञान प्राप्त करना और गुरु की संगत करना हर किसी के भाग्य में नहीं होता गुरु चरणों की रज बड़े ही भाग्यशाली लोगों को प्राप्त होती है गुरु भगवान श्री श्री जगतगुरु रामानंदाचार्य अयोध्या दास जी महाराज इस पृथ्वी लोक पर साक्षात ईश्वर की प्रतिमूर्ति के रूप में भक्तों के कल्याण हेतु अवतरित हुए हैं ऐसे सतगुरु का पावन सानिध्य जन्मो जन्म के पुण्यों के उदय होने से होता हैl

इस अवसर पर बोलते हुए साध्वी विजयलक्ष्मी ने कहा गुरु ज्ञान का वह गंगा सागर है जहां ज्ञान की सभी सरिताये एक समूह में आकर एकत्रित होती है उसमें बड़े भाग्यशाली लोग स्नान कर गुरु के ज्ञान की वर्षा में भीग कर अपने मानव जीवन को सार्थक कर पाते हैं इस अवसर पर महामंडलेश्वर हरि चेतनानंद महाराज महंत राजेंद्र दास महाराज महंत कमलेशानंद सरस्वती साध्वी गंगा दास महाराज महंत सूरज दास महाराज महंत नारायण दास पटवारी महंत जगजीत सिंह महाराज महंत मोहन सिंह महाराज महंत केशवानंद महाराज महंत विष्णु दास महाराज महामंडलेश्वर चिद विलासानन्द महाराज महंत बिहारी शरण महाराज महंत रघुवर दास महाराज स्वामी अंकित शरण महाराज स्वामी कृष्णानंद महाराज महंत प्रेमदास महाराज महंत गुरमल सिंह महाराज श्री महंत माधवाचार्य महाराज महंत रितेश दास महाराज महंत हितेश दास महाराज महंत ज्ञान दास महाराज महंत महामंडलेश्वर प्रबोधानन्द महाराज महंत प्रेमदास महाराज स्वामी कृष्ण देव महाराज महेंद्र सीताराम दास महाराज महंत कन्हैया दास महाराज महंत हरिदास महाराज कोतवाल रामेश्वर गिरी महाराज कोतवाल कमल मुनि महाराज कोतवाल धर्मदास महाराज सहित भारी संख्या में संत महापुरुष तथा भक्तजन उपस्थित थे l

कार्यक्रम के व्यवस्थापक श्री श्री महन्त राजेन्द्र दास जी महाराज श्री महन्त श्री दासरथी दास जी महाराज महन्त श्री केशव दास जी महाराज महन्त श्री सुरेन्द्र ब्रह्मचारी जी महाराज श्री बृजमोहन दास जी महाराज श्री राम वचन दास जी महाराज पंडित श्री राजु शर्मा जी पडित श्री कैलाश सुन्दरीयाल जी द्वारा व्यवस्था सकुशल संपन्न हुई l

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