पूज्य गुरूजनों के दिखाए मार्ग और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए आश्रम की सेवा परंपरा का विस्तार करना ही उनका कर्तव्य है:महंत ऋषिश्वरानंद महाराज

कमल शर्मा (हरिहर समाचार)

संत समाज ने दी ब्रह्मलीन स्वामी वागीश्वरानंद को श्रद्धांजलि

हरिद्वार, 25 अप्रैल। भूपतवाला स्थित श्री चेतन ज्योति आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज के संयोजन में आयोजित गुरूजन स्मृति समारोह में संत समाज ने ब्रह्मलीन स्वामी वागीश्वरानंद महाराज का भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान संत महापुरूषों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने की मांग भी की।

सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार धर्म और संतों की नगरी है। ब्रह्मलीन स्वामी वागीश्वरानंद महाराज संत समाज की दिव्य विभूति थे। समाज को धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करने में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सभी को ब्रह्वीन स्वामी वागीश्वरानंद महाराज के दिखाए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए बाबा हठयोगी ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी वागीश्वरानंद महाराज त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे। उनके द्वारा शुरू की गयी सेवा परंपरा को महंत ऋषिश्वरानंद महाराज निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं।

महंत ऋषिश्वरानंद महाराज ने सभी संत महापुरूषों और अतिथीयों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूजनों के दिखाए मार्ग और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए आश्रम की सेवा परंपरा का विस्तार करना और गुरूजनों के अधूरे कार्यों को पूरा करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आश्रम द्वारा मानव कल्याण में योगदान करने के साथ शिक्षा केंद्रों का संचालन भी किया जा रहा है। जिसका क्षेत्र के बच्चों को लाभ मिल रहा है।

महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि गुरूजनों की शिक्षा और उनकी आज्ञा का पालन करने वाले शिष्य पर ईश्वरीय कृपा सदैव बनी रहती है।

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