हरिद्वार भूपतवाला स्थित ठोकर नंबर 12 पर दो मंजिला कुटिया में विशाल संत समागम तथा श्री राम चरित्र मानस अखंड पाठ यज्ञ का समापन हुआ इस अवसर पर परम पूज्य स्वामी कृपानंद सरस्वती जी महाराज के पावन सानिध्य में एक विशाल संत भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें हरिद्वार के अनेको मठ मंदिर आश्रमों के महंत श्री महंत महामंडलेश्वर तथा संत भक्तगण उपस्थित हुए इस अवसर पर बोलते हुए आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी श्री कृपानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा संत महापुरुषों के चरणों की रज जिस स्थान पर पड़ जाए वह पावन हो जाता है श्री हनुमान जी महाराज एवं ठाकुर जी का वार्षिक उत्सव संत महापुरुषों के पावन सानिध्य में उनकी गरिमा मय उपस्थिति में बड़ी ही पावनता के साथ संपन्न हो रहा है संत महापुरुषों के श्री मुख से निकलने वाला ज्ञान भक्तों के लिए मां गंगा तथा त्रिवेणी के सामान पावन होता है इस अवसर पर बोलते हुए महंत सूरज दास जी महाराज ने कहा धर्म कर्म की शक्ति तपस्या तथा तपोबल से प्राप्त होने वाले फल से भी अधिक प्रभावि होती है इसलिए मनुष्य को अपने जीवन में कभी धर्म कर्म के कार्यों से पीछे नहीं हटना चाहिए धर्म कर्म के कार्यों से प्राप्त होने वाला फल मनुष्य के लिए अति कल्याणकारी होता है साथ ही यज्ञ अनुष्ठान तथा श्री राम चरित्र मानस जैसी पावन कथा के श्रवण से प्राप्त होने वाला फल भक्तों के लिए इस लोक में तो कल्याणकारी होता ही है परलोक में भी उन्हें यह भवसागर पार करा देता है क्योंकि राम के नाम में बड़ी शक्ति है राम से बड़ा राम का नाम जिसने रटा वह महाऋषि वाल्मीकि की तरह त्रिकालदर्शी हो गया मां गंगा की पावन नगरी में मां गंगा की पावन तलहटी में इस पावन कुटिया में हो रहे इस पावन कार्य में आने वाले सभी भक्तगण साधुवाद के पात्र हैं इस अवसर पर महंत स्वामी कल्याण देव महाराज महंत रवि देव महाराज महंत प्रेमदास महाराज महंत कमलेशानंद सरस्वती महाराज महंत महानंद महाराज महंत गजेंद्र गिरी नागा बाबा महंत केशवानंद महाराज स्वामी कृष्णदेव महाराज महंत गुरु माल सिंह महाराज महंत दिनेश दास महाराज महंत सुतीक्ष्ण मुनि महाराज महंत कैलाशानंद महाराज महंत पटवारी महाराज महंत कमलेशा नंद महाराज कोतवाल धर्मदास महाराज कोतवाल रामदास महाराज कोतवाल रमेशानंद देहरादून बाबा सरवन दास महाराज श्याम गिरी महाराज वरिष्ठ निमंत्रण पत्र वितरण करता कोतवाल कालीचरण महाराज रितिक प्रवीण कश्यप मनोजानंद इंदर शर्मा सहित भारी संख्या में संत तथा भक्तगण उपस्थित थे
संत महापुरुषों के चरणों की रज जिस स्थान पर पड़ जाए वह पावन हो जाता है
