कमल शर्मा
बाबा तेरा मिशन अधूरा– मोदी, धामी कर रहे पूरा! (उपस्थित जन समूह का प्रमुख नारा)
मुख्यमंत्री के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे हजारों लोग।
हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का होगा निर्माण।
उत्तराखण्ड के दलित/अनुसूचित वर्ग/अनुसूचित जनजाति वर्ग के समाज सुधारकों के नाम पर बनेंगे बहुद्देशीय भवन।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को बी.एच.ई.एल मैदान, हरिद्वार में डॉ. बीआर अम्बेडकर जयंती पर डॉ बी.आर अम्बेडकर महामंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर डॉ बी.आर अम्बेडकर महामंच द्वारा राज्य में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने आने वाले पीढ़ी को अनुसूचित समाज का उद्धार करने वाले समाजसेवकों के जीवन चरित्र और इतिहास के साथ-साथ भारतीय संविधान के बारे में जानकारी देने के लिए हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का निर्माण किए जाने। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली एससीपी/टीएसपी योजनाओं के अन्तर्गत अनुसूचित समाज की बाहुल्यता वाले क्षेत्रों में उत्तराखण्ड के दलित/अनुसूचित वर्ग/अनुसूचित जनजाति वर्ग के समाज सुधारकों के नाम पर बहुद्देशीय भवन बनाये जाने। एवं अनुसूचित समाज के कल्याण संबंधी योजनाओं व अधिकारों के प्रति हमारी आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में विशेष जन-जागरुकता कार्यक्रम अनुसूचित जाति आयोग के माध्यम से आयोजित किए जाने की घोषणा की।

कार्यक्रम से पूर्व बीएचईएल मैदान से केंद्रीय विद्यालय परिसर तक आयोजित रैली में हजारों की संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री पर पुष्प वर्षा कर उनका आभार व्यक्त किया तथा जन समूह ने प्रमुखता से नारा लगाते हुए कहा कि बाबा तेरा मिशन अधूरा– मोदी, धामी कर रहे पूरा कार्यक्रम के दौरान यह नारा गूंजता रह।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ बी.आर अम्बेडकर को नमन करते हुए कहा कि डॉ बी.आर अम्बेडकर ने हमारे समाज को समानता, समरसता और न्याय का मार्ग दिखाया। आज भी बाबा साहेब हमारी सामूहिक चेतना का अभिन्न हिस्सा हैं। उनका संपूर्ण जीवन ही हमारे लिए एक संदेश है। उन्होंने गुलाम भारत में जन्म लेकर अपने ज्ञान और संकल्प से स्वयं के साथ करोड़ों लोगों के जीवन को भी बलदने का काम किया है। उन्होंने अन्य लोगों को न्याय की राह दिखाई। उन्होंने कहा समाज के वंचित वर्ग को मुख्य धारा में लाने के लिए बाबा साहेब का संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणा है।

मुख्यमंत्री ने कहा भारतीय संविधान के निर्माण में बाबा साहेब के योगदान के लिए हर देशवासी सदैव उनका ऋणी रहेगा। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में न्याय, स्वतंत्रता, समानता भारतीय गणराज्य के मूल स्तंभ होंगे। बाबा साहब ने ऐसे भारत की परिकल्पना की जिसमें सभी वर्गों को समान अधिकार, समान अवसर और समान गरिमा प्राप्त हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आजादी के बाद देवभूमि उत्तराखंड में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू कर बाबा साहेब के सपनों के भारत के निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मुख्यमंत्री ने कहा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी ने संविधान निर्माता के रूप में समान नागरिक संहिता को संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में सम्मिलित किया था। वो भली भांति जानते थे कि भारत और भारतीय समाज के लिए समान नागरिक संहिता बेहद आवश्यक है। उन्होंने समान नागरिक संहिता को कानूनी व सामाजिक आवश्यकता के साथ नैतिक आवश्यकता भी माना। बाबा साहेब ने हमेशा सभी जाति, धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून की बात को प्राथमिकता दी थी। बाबा साहेब कहा करते थे कि जब तक समाज में समान कानून नहीं होगा तब तक समाज में असमानता और विभाजन बना रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समुदायों के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत कानूनों के कारण उत्पन्न भेदभाव, असमानता और अन्याय की स्थिति खत्म करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब ने हमेशा समाज की प्रगति में महिलाओं की भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा राज्य में यूसीसी लागू होने के बाद महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा यूसीसी के माध्यम से उत्तराखंड की मुस्लिम बहन-बेटियों को इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी कुरीतियों से मुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि यूसीसी लागू होने के बाद अब किसी भी महिला को उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी जिनका ’’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’’ इस मूल मंत्र के साथ राष्ट्र के नव निर्माण में जुटे हैं। पूरी दुनिया के अन्दर भारत का मान,सम्मान पहचान बनाने का काम भारत के लाल नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की नीतियों और कार्यशैली में बाबा साहब के विचार दिखाई देते हैं। बाबा साहेब की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर प्रधानमंत्री ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा कि 26 नवम्बर को संविधान दिवस घोषित कर प्रधानमंत्री जी ने संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रधानमंत्री जी द्वारा बाबा साहेब की स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को राष्ट्र चेतना के पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा आज़ादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ही सच्चे मन से दलितों और वंचितों के उत्थान के साथ उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित वर्ग के कल्याण हेतु आम बजट में वृद्धि की है। आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। देश में चले आर रहे दलित उत्पीड़न कानून 1989 को केंद्र सरकार ने संशोधित कर और सख्त बनाया है। स्टैंडअप इंडिया योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, आयुष्मान भारत जैसी अनेकों योजनाओं में भी गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता देते हुए उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने पिछड़ों और वंचितों के उत्थान, कल्याण और सशक्तिकरण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर जी को उनके जीवनकाल में कभी उचित सम्मान नहीं दिया। मुख्यमंत्री ने कहा भाजपा के समर्थन वाली वी.पी. सिंह सरकार ने बाबा साहेब को मरणोपरांत भारत रत्न प्रदान किया। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी स्वयं भी वंचित समाज से उभर कर आए एक मजबूत नेतृत्व हैं, उन्होंने गरीबी को जिया है, जो अनुसूचित और पिछड़े समाज की परेशानियों के बारे में जानते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने हेतु हरसंभव प्रयास कर रही है। राज्य सरकार द्वारा कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों को छात्रवृत्ति एवं राज्य में निशुल्क 15 छात्रावास, 5 आवासीय विद्यालय और 3 आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था भी की गई है। इस हेतु प्रत्येक माह छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है। सरकार ने अटल आवास योजना को पुनः शुरू करते हुए अनुसूचित वर्ग के आवासहीन परिवारों को आवास बनाने के लिए एल लाख बीस हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान करने की व्यवस्था की है, वहीं जातीय भेदभाव को समाप्त करने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति के युवक या युवती से अंतर-जातीय विवाह करने पर 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। प्रदेश के साथ खिलवाड़ करने वाले घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा हाल के दिनों में कुछ असामाजिक तत्व अपने राजनैतिक स्वार्थों के चलते समाज को क्षेत्रवाद और जातिवाद के नाम पर बांटने का प्रयास किया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उत्तराखंड की एकता, अखंडता और सामाजिक समरसता पर किसी भी प्रकार की कोई आँच नहीं आने दूंगा और ऐंसे असामाजिक तत्वों को सबक सिखाने से पीछे भी नहीं हटूंगा।
इस अवसर पर श्री निर्मल दास महाराज, विधायक आदेश चौहान, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, श्री विनोद दास, श्री उमेश कुमार, श्री रामपाल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री किरण चौधरी, मेयर किरण जैसल, दर्जा मंत्री श्री विनय रुहेला, श्री जयपाल चौहान, श्री देशराज कर्णवाल, बीजेपी जिलाध्यक्ष श्री आशुतोष शर्मा, पूर्व विधायक श्री संजय गुप्ता, श्री कुंवर प्रणव चौंपियन, पूर्व जिलाध्यक्ष श्री संदीप शर्मा, मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।