7 मार्च 2025 आज श्री गुरु गोरखनाथ अलख अखाड़ा (रजि0) परम तपस्वी विद्वान संत के अध्यक्ष श्री संजीवन नाथ महाराज ने हमारे जीवन का अनुभव साझा करते हुए कहा कि मानव जीवन सात रंगों में रंगे इंद्रधनुष के समान है जब मानव के जीवन में आनंद आता है तो वह दोस्तों से मिलता है और नए-नए मित्र मिलते हैं। नाम तक भूल जाता है और जब तंग हाली में आपको परेशानी होती है तो उसे भगवान सबसे पहले याद करते हैं तो जरूरी है कि आप जीवन के तरह-तरह के अनुभव प्राप्त कर सकते हैं और अपने पराए का सही ज्ञान तंग कर सकते हैं और अपने पराए का सही ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। आप खरीददारी कर सकते हैं जीवन में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो इंसान के बुरे वक्त में होते हैं। के मन में बस अच्छा है एक ऐसा जूता जो छिपा हो तो हो सकता है कि एक ऐसा व्यक्ति हो जो कभी भी बज न जाए लेकिन अहम घमंड हो सकता है उनके शरीर में सबसे ज्यादा समानता है एक अनुभवसाली अच्छे चरित्र का निर्माण व्यक्ति को एक बार के चयन से नहीं हो सकता है उसे जीवन में हजारों बार प्रशिक्षित करने के बाद ही समाज और जीवन का अनुभव होता है जीवन में कुछ नया सीखने के लिए यह स्वीकार करना जरूरी है कि हर व्यक्ति ने जो भी बात की है वह बेहतर और श्रेष्ठ है आप अपने जीवन में केवल इस बात के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं उस बात के लिए कदापि नहीं जो सामने आने वाले ने समझी जीवन में शांति बनाए रखें मनुष्य का क्रोध किसी और जीत को हो सकता है इसी प्रकार के गुरु श्री गोरखनाथ अलख शिष्यों के संत महापुरुषों के विचार लेकर आप सभी विद्वत लोगों के बीच अपना प्रेम मित्र लेकर आपके बीच पहुंच रहे हैं ताकि हम अपनी संस्कृति और संस्कृति में वापस आ सकें और विदेशी संस्कृति पंथ संस्कृति के विचार अपने जीवन से अपने परिवार से अपने संस्कार से दूर कर सकें। वनवास भोगना स्वीकार किया और अपने कुल की मर्यादा और बाण शान बढ़ाने के लिए लंका पति रावण का कुल श्रंगार किया और यदि त्याग भाव की प्रेरणा ली है तो गुरु श्री गोरखनाथ के जीवन से लें तपोबल से आम जनमानस का जीवन निहाल
जीवन में हजारों बार प्रशिक्षित होने के बाद ही समाज और जीवन का अनुभव होता है: श्री संजीवन नाथ महाराज
