उत्तराखंड में सरकार स्थानिए भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठा रही हैं। अब राज्य के विद्यालयों में अन्य विषयों के साथ गढ़वाली-कुमाऊंनी सहित लोक भाषाएं भी पढ़ाई जाएगी। जिसकी कवायद तेज हो गई है। लोक भाषा आधारित पुस्तकों के लिए सिलेबस तैयार किया जा रहा है। आइए जानते है इस सिलेबस को कौन तैयार कर रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में जल्द लोक भाषा गढ़वाली, कुमाऊंनी व जौनसारी स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगी। स्टेट काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) ने इस संबंध में पाठ्यचर्या तैयार कर ली है। प्रथम चरण में गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी लोक भाषा से संबंधित पाठ्य पुस्तकें तैयार की जा रही हैं। बाद में अन्य लोक भाषाओं को भी चरणबद्ध तरीके से सम्मिलित किया जाएगा।