हरिद्वार 29 मार्च 2025, आज कथा व्यास श्री श्री सुधा दीदी ने अपने भक्तों के बीच उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि चैत्र नवरात्रै कल यानी 30 मार्च से शुरू होने जा रहे हैं इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने के साथ-साथ कलश स्थापना की जाती है, जिसे घट स्थापना भी कहा जाता है। इस दौरान मिट्टी या पीतल के कलश में जल भरकर जौ बोई हुई मिट्टी के ऊपर रखा जाता है। इसके बाद इसे आम के पत्ते और ढक्कन से बंद किया जाता है। ये कलश पूरे नौ दिनों तक रखा रहता है। इस बार100 साल बाद नवरात्रि पर पंच ग्रही योग पढ़ रहा है l चैत्र नवरात्रि के दौरान मीन राशि में शनि, सूर्य, बुध, शुक्र और राहु विराजमान रहेंगे, जिससे पंचग्रही राजयोग का निर्माण हो रहा है। बता दें कि ऐसा संयोग करीब 100 साल बाद बन रहा है। ऐसे में जातकों के जीवन में सुख-शांति, समृद्धि आएगी। इसके अलावा चैत्र नवरात्रि में सर्वार्थ सिद्ध, इंद्र, बुधादित्य, शुक्रादित्य, लक्ष्मी नारायण योग जैसे शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है।
इस बार नवरात्रि का आरंभ और समापन दोनों रविवार को हो रहा है, जिससे मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और इसी पर प्रस्थान करेंगी। हाथी पर माता का आगमन बेहद शुभ माना जाता है, जो अच्छे वर्षा चक्र, समृद्धि और खुशहाली का संकेत देता है। मान्यता है कि देवी की सवारी से आने वाले समय की स्थिति का अंदाजा लगाया जाता है, जिसमें प्रकृति, कृषि और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव शामिल होते हैं।
घटस्थापना या कलश स्थापना का मुहूर्त- 30 मार्च, रविवार को सुबह 06 बजकर 13 मिनट से प्रारंभ होगा और सुबह 10 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक
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