कमल शर्मा(प्रधान संपादक)
हरिद्वार,6 नवंबर, बिहारी समाज का पर्व कार्तिक मास शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि से भगवान सूर्य देव की आराधना का चार दिवसीय महापर्व डाला छठ नहाय खाय से शुरू हुआ। व्रत रखने वाले सुबह स्नान कर कच्चा चावल, चने की दाल, लौकी की सब्जी, जिसमे सेन्धा नमक का प्रयोग किया गया ।आज खरना का व्रत रखेंगे, जो निर्जला उपवास रखेंगे शाम को घर में ही भगवान सूर्य देव की गुड़ की खीर भोग लगाने के बाद प्रसाद ग्रहण करेंगे। खीर को केले के पत्ते पर निकालकर मौसमी फल तुलसी आदि रखकर सूर्य देव को घी का दीपक जलाकर भोग लगाएंगे । जिनके घरों में यह पर्व नही होता है उनको निमंत्रण देकर प्रसाद जरूर खिलाते हैं । खरना के प्रसाद का बड़ा ही महत्व है। इसके साथ ही निर्जला निराहार उपवास शुरू हो जाएगा । जो 08 नवंबर सूर्य देव को अध्य देने के साथ इस महापर्व का समापन होगा 07 नवम्बर को गंगाजी में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी व 08 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य देव को दूसरा अध्य देने के साथ ही इस महापर्व का समापन होगा ।