इस दीपावली घर में रंगोली बनाएं, मिट्टी के दीयों का उपयोग करें, और घर को प्राकृतिक सामग्रियों से सजाएं:श्री रविंद्र पुरी महाराज

कमल शर्मा

श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि आज के दौर में पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर चुनौती बन गया है, जिससे हमारी प्रकृति और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने त्योहारों को मनाने के तरीके में बदलाव लाएं और पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। उन्होंने विशेष रूप से बच्चों और युवाओं से अपील की कि वे पटाखों के स्थान पर दीप जलाकर इस पर्व का आनंद लें। पटाखों से निकलने वाला धुआं एवं शोर ना सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि इससे वायु एवं ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ता है।

उन्होंने कहा, “दीपावली का वास्तविक अर्थ अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सद्भावना का संचार करना है। आइए, इस बार हम सभी प्रदूषण रहित दीपावली का संकल्प लें और अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने में योगदान दें।” इसके साथ ही, महंत रविंद्र पुरी महाराज ने भक्तों से आग्रह किया कि वे इस शुभ अवसर पर अपने आसपास के जरूरतमंद लोगों की मदद करें और उनके जीवन में भी खुशियों का दीप जलाएं। उन्होंने कहा कि जब हम दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं, तो वही सच्ची दीपावली होती है।

श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने यह भी कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक बनें। उन्होंने अपने भक्तों से अपील की कि वे इस दीपावली पर घर में रंगोली बनाएं, मिट्टी के दीयों का उपयोग करें, और घर को प्राकृतिक सामग्रियों से सजाएं। इससे न केवल त्योहार की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा।

विज्ञापन

अंत में उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे आपसी सौहार्द और मेलजोल के साथ इस पर्व को मनाएं। उन्होंने कामना की कि यह दीपावली सभी के जीवन में नई आशा, सुख, और समृद्धि का संचार करे।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने देशवासियों को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए सभी से आग्रह किया कि वे इस बार ईको फ्रेंडली दीपावली मनाएं। उन्होंने कहा कि दीपावली का त्योहार हमारे जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का प्रतीक है। दीपों का यह पर्व हमें अपने जीवन को प्रकाशित करने और समाज में प्रेम एवं भाईचारे का संदेश फैलाने की प्रेरणा देता है।

श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि आज के दौर में पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर चुनौती बन गया है, जिससे हमारी प्रकृति और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने त्योहारों को मनाने के तरीके में बदलाव लाएं और पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। उन्होंने विशेष रूप से बच्चों और युवाओं से अपील की कि वे पटाखों के स्थान पर दीप जलाकर इस पर्व का आनंद लें। पटाखों से निकलने वाला धुआं एवं शोर ना सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि इससे वायु एवं ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ता है।

उन्होंने कहा, “दीपावली का वास्तविक अर्थ अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सद्भावना का संचार करना है। आइए, इस बार हम सभी प्रदूषण रहित दीपावली का संकल्प लें और अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने में योगदान दें।” इसके साथ ही, महंत रविंद्र पुरी महाराज ने भक्तों से आग्रह किया कि वे इस शुभ अवसर पर अपने आसपास के जरूरतमंद लोगों की मदद करें और उनके जीवन में भी खुशियों का दीप जलाएं। उन्होंने कहा कि जब हम दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं, तो वही सच्ची दीपावली होती है।

श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने यह भी कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक बनें। उन्होंने अपने भक्तों से अपील की कि वे इस दीपावली पर घर में रंगोली बनाएं, मिट्टी के दीयों का उपयोग करें, और घर को प्राकृतिक सामग्रियों से सजाएं। इससे न केवल त्योहार की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा।

अंत में उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे आपसी सौहार्द और मेलजोल के साथ इस पर्व को मनाएं। उन्होंने कामना की कि यह दीपावली सभी के जीवन में नई आशा, सुख, और समृद्धि का संचार करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *