ज्योति कलश यात्रा भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत कर चेतना को प्रखर बनाने का करेगी कार्य

लोकसभा अध्यक्ष ने राजस्थान व पूर्वाेत्तर जोन के लिए ज्योति कलश यात्रा का किया शुभारंभ
हरिद्वार। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि ज्योति कलश यात्रा के माध्यम से जो जन जागरण का कार्य होने जा रहा है यह निश्चित ही एक बहुत बड़ा कार्य है। अपने मन में एक संकल्प हो कि ज्योति से ज्योति का जलाना है, देश और दुनिया को जगमगाना है।

श्री बिरला देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित ज्योति कलश यात्रा सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। तीन दिवसीय इस समेलन में राजस्थान, पं० बंगाल, असम, अरुणाचल आदि प्रांतों से 1200 से अधिक गायत्री परिवार के साधक प्रतिभाग कर रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के भीषण दौर से गुजर रही है, क्योकि हमने यज्ञ करना छोड दिया। लेकिन गायत्री परिवार ने यज्ञ की परंपरा को जीवंत रखा और जन जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है। गायत्री परिवार कई दशकों से व्यसन मुक्त भारत, पर्यावरण संरक्षण, कुरीति उन्मूलन और राष्ट्र सेवा जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में जागरूकता लाने का कार्य कर रहा है।

उन्होंने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक परम पूज्य गुरुदेव एवं परम वंदनीया माताजी द्वारा सौ वर्षों तक यहाँ प्रज्वलित अखण्ड दीपक के प्रकाश को अखण्ड रखा है। इसको प्रचण्ड बनाना आप सभी का दायित्व है।

ज्योति कलश यात्रा की रूपरेखा की जानकारी देते हुए प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि कलश भारतीय संस्कृति का केन्द्र बिन्दु है, युगऋषि पं श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा जलाई गई ज्योति का अंश लेकर यह ज्योति कलश यात्रा जहां जायेगी, वहां लोगों को भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत कर उनकी चेतना को प्रखर बनाने का कार्य करेगी। ज्योति कलश यात्रा का उद्ेश्य मनुष्य की भावनात्मक रूप से नवनिर्माण करना है। इस ज्योति से ऐसे प्रकाशवान व्यक्तित्व निखरकर सामने आयेंगे, जो समाज एवं दुनिया में फैले अंधकार को दूर करने में सक्षम होंगे।

उद्घाटन सत्र के समापन अवसर पर देव संस्कृति इंट्रडिसीप्लिनरी इंटरनेशनल जनरल, गायत्री महाविज्ञान बंगला संस्करण एवं ज्योति कलश प्रज्ञा गीतों तथा डॉक्यूमेंट्री का विमोचन किया। प्रतिकुलपति डॉ. पण्ड्या ने श्री बिरला को स्मृति चिह्न आदि भेंटकर सम्मानित किया। लोकसभा अध्यक्ष, कुलपति व प्रतिकुलपति ने राजस्थान, पं बंगाल, असम अरुणाचल आदि प्रदेशों से आये गायत्री साधकों को ज्योति कलश सौंपे। इस अवसर पर विनय रूहेला, उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन विभाग, कुलपति श्री शरद पारधी, डॉ ओपी शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी सहित शांतिकुंज व विवि परिवार उपस्थित रहे।

इससे पूर्व श्री बिरला का देसंविवि पहुंचने पर प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने राजस्थानी साफा एवं पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। पश्चात लोकसभा अध्यक्ष ने देश की सुरक्षा में अपना सर्वाेच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों की याद में बनी शौर्य दीवार में पुष्पांजलि अर्पित की और सैनिकों के सर्वाेच्च बलिदान को नमन किया। प्रतिकुलपति ने एशिया के प्रथम बाल्टिक केंद्र, स्वावलंबन केन्द्र सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रकल्पों की गतिविधियों से अवगत कराया।

पश्चात् शांतिकुंज में लोकसभा अध्यक्ष श्री बिरला अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं शैलजीजी से आत्मीयता भरे माहौल में भेंट की और विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने मंगल तिलक किया एवं युगऋषि द्वारा रचित युग साहित्य, गायत्री महामंत्र चादर आदि भेंटकर सम्मानित किया।

उन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी नशा उन्मूलन, वृक्षगंगा जन अभियान, बाल संस्कारशाला, पर्यावरण संरक्षण जैसे विविध समाज उत्थान कार्यक्रमों की सराहना की। लोकसभा अध्यक्ष ने अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापकद्वय की पावन समाधि में पुष्पांजलि अर्पित की एवं भारत के उज्ज्वल भविष्य हेतु प्रार्थना की।

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