हरिद्वार कनखल संयास रोड स्थित श्री हरि गिरि निरंजन आश्रम मे भक्तजनों के बीच अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए महामंडलेश्वर 1008 श्री देवेन्द्रानंद गिरि जी महाराज ने कहा ज्ञान मनुष्य की अंतरात्मा और बुद्धि का विकास करता है संत महापुरुष और गुरुजनों के श्री मुख से प्राप्त होने वाला ज्ञान मनुष्य के लिए अति कल्याणकारी होता है वे लोग बड़े ही सौभाग्य शाली होते हैं जिन्हें गुरुजनों का पावन सानिध्य प्राप्त होता है विचारों की स्थिलता मनुष्य की बुद्धि के विकास को रोकता है इसलिए विचारों की शुद्धता होना नितांत आवश्यक है धर्म कर्म और ईश्वर भक्ति मनुष्य का लोक और परलोक दोनों सुधार देता है दान सत्कर्म मनुष्य की यश कीर्ति और वैभव को तो बढ़ाते ही है साथ-साथ उन्हें उच्च संस्कार समृद्धि और ईश्वर से जोड़ते हैं मनुष्य को सत्संग और अच्छे संस्कार बुद्धि के साथ-साथ ईश्वर की भक्ति से जोड़ते हैं गुरु मिलते हैं ईश्वर से गुरु ही देते ज्ञान भवसागर की नैया के गुरु ही तारणहार गुरु के बिना ईश्वर तक पहुंच पाना संभव नहीं इसलिए गुरु के बताए मार्ग पर चलो आपका कल्याण होगा