धर्म कर्म और माता की भक्ति बड़े ही भाग्यशाली लोगों को प्राप्त होती है स्वामी महंत निर्मल दास जी महाराज


कमल शर्मा हरिद्वार

हरिद्वार(, वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोज कुमार ) 18 फरवरी। गौ गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास महाराज ने तारकेश्वर धाम में आयोजित गुप्त नवरात्र की नवमी पर कन्या पूजन कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर स्वामी निर्मल दास महाराज ने कहा कि मां की शक्ति से बड़ी संसार में कोई शक्ति नहीं है। गुप्त नवरात्रि में देवी सती की दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। यह साधनाएं विशेष साधक ही करते हैं। सामान्य लोगों को नवरात्रि में देवी दुर्गा की सामान्य पूजा करनी चाहिए। गुप्त नवरात्रि की नवमी पर देवी पूजन के साथ ही किसी पौराणिक देवी मंदिर में दर्शन भी अवश्य करना चाहिए। स्वामी निर्मल दास महाराज ने बताया कि धर्म शास्त्रों के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं। माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन माह के शुक्ल पक्ष में। इनमें से माघ और आषाढ़ माह की नवरात्र साधना गुप्त होती है। गुप्त साधनाओं की साधना के लिए गुप्त नवरात्र श्रेष्ठ होते हैं। गुप्त साधनाओं में होने वाली क्रियाएं सामान्य पूजा-पाठ से अलग होती हैं। जानकारी के बिना या योग्य गुरु की शिक्षा के बिना ये साधनाएं नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मां भगवती की आराधना कभी निष्फल नहीं जाती। सामान्य व्यक्तियों को चैत्र व अश्विन माह में नवरात्र साधना करनी चाहिए। पूर्ण विधि विधान से की जाने वाली आराधना से प्रसन्न होकर देवी भगवती भक्तों का कल्याण करती है। उन्होंने कहा कि देवी भगवती की आराधना के साथ देवी स्वरूपा कन्याओं के संरक्षण, संवर्द्धन का संकल्प भी लेना चाहिए। इस अवसर पर स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी सुतीक्ष्ण मुनि, स्वामी दिनेश दास, स्वामी कपिल मुनि, स्वामी हरिहरानंद, पदम प्रसाद सुवेदी आदि ने भी कन्याओं को चुनरी ओढ़ाकर और पैर छूकर आशीर्वाद लिया।

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