हरि की पावन धरती हरि के द्वार यानी हरिद्वार में संत महापुरुषों के ज्ञान की गंगा जीवन को सार्थक कर देती है महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 उर्मिलानन्द गिरी महाराज

कमल शर्मा (हरिहर समाचार)

हरिद्वार सत्यम विहार स्थित प्लॉट नंबर 130 में 4 जून 2025 को परिक्रमा समारोह बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा 5 जून 2025 को विशाल भंडारे का आयोजन होगा इस अवसर पर किन्नर अखाड़े के सभी संत महापुरुषों के श्री मुख से ज्ञान की गंगा बहेगी संस्थापक श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर उर्मिलानन्द गिरी महाराज ने कहा कि नाटक जैसी प्राचीन परंपराये हमें हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति आचार विचारों का बोध कराती है आज यह सांग कला परंपरा बहुत कम हो गई है जिस कारण आने वाली नई पीढ़ी को हमारी प्राचीन संस्कृति का बोध नहीं हो पा रहा है हम इस प्रथा को और कला को आपके सामने इसलिये प्रदर्शित करा रहे हैं की आपको पुराने आचार विचार कला संस्कृत का ज्ञान हो सके महामंडलेश्वर श्री उर्मिलानन्द गिरी महाराज ने कहा सतगुरु की पावन संगत हमारी जीवन की काया पलट कर देती है और उसमें ज्ञान रूपी अमृत का उदय कर देती है मां गंगा की पावन नगरी हरिद्वार में आपको दो-दो प्रकार की गंगाओं का वर्ण होता है एक तो माँ भागीरथी है जिन में स्नान करने मात्र से तन मन पावन हो जाता है और मनुष्य पाप मुक्त हो जाता है दूसरी गंगा संत महापुरुषों के श्री मुख से ज्ञान के रूप में बहती संत महापुरुषों के श्री मुख से निकलने वाला ज्ञान मानव जीवन को सार्थक कर देता है इस अवसर पर श्री सुनील गिरी जी भी उपस्थित थे

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