विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर “एंट्री ड्रग फ्री देवभूमि” विषय पर व्याख्यान राजकीय महाविद्यालय, मरगूबपुर, हरिद्वार में आयोजित

कमल शर्मा

आज 7 अप्रैल 2025 को, राजकीय महाविद्यालय, मरगूबपुर, हरिद्वार में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर “एंट्री ड्रग फ्री देवभूमि” विषय पर एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को नशीली पदार्थों से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना और उन्हें इससे बचने के उपायों के बारे में जानकारी देना था। इस अवसर पर हरिद्वार की प्रसिद्ध ड्रग इंसपेक्टर, श्रीमती अनिता भारती, मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रीता सचान ने मुख्य वक्ता का स्वागत कर की। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक, छात्र-छात्राएं और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व

“विश्व स्वास्थ्य दिवस” हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय “एंट्री ड्रग फ्री देवभूमि” था, जिसका उद्देश्य देवभूमि उत्तराखंड में नशे की समस्या को लेकर युवाओं में जागरूकता उत्पन्न करना था। उत्तराखंड विशेष रूप से हरिद्वार और देहरादून जैसे शहरों में ड्रग्स के बढ़ते उपयोग के कारण चिंता का विषय बन चुका है।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य न केवल छात्रों को नशीली पदार्थों से बचने के उपाय बताना था, बल्कि उन्हें यह भी समझाना था कि वे किस प्रकार अपने जीवन में सकारात्मक क्रियाकलापों को शामिल करके इस समस्या से बच सकते हैं। श्रीमती अनिता भारती ने अपने अनुभवों और सुझावों के माध्यम से छात्रों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया।

मुख्य वक्ता ड्रग्स इंस्पेक्टर हरिद्वार अनिता भारती का संबोधन

मुख्य वक्ता, श्रीमती अनिता भारती ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि नशे की लत न केवल एक व्यक्तिगत समस्या है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। उन्होंने बताया कि नशे का सेवन व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति को प्रभावित करता है और समाज में कई तरह की अपराधों को जन्म देता है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं को अपने लक्ष्यों और सपनों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी और बताया कि जीवन में कोई भी लक्ष्य कठिन परिश्रम और समर्पण से प्राप्त किया जा सकता है।

श्रीमती अनिता ने छात्रों को यह भी समझाया कि नशीली पदार्थों से बचने के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि वे खुद को व्यस्त रखें। सकारात्मक गतिविधियों में जैसे कि खेल, कला, संगीत, और अध्ययन में रुचि लें, ताकि उनका ध्यान नशीली चीजों से हट सके। उन्होंने कहा कि यदि युवाओं को अपने जीवन में लक्ष्य स्पष्ट होंगे, तो वे किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना आसानी से कर पाएंगे।

इसके साथ ही, श्रीमती अनिता भारती ने छात्रों को अपने आस-पास अगर किसी को नशीली वस्तुएं बेचते या प्रयोग करते हुए पाएं, तो उन्हें इसे उचित अधिकारियों तक पहुंचाने के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि शासन और प्रशासन इस तरह की जानकारी को गोपनीय रूप से प्राप्त करता है, ताकि समाज में सुरक्षा और शांति बनाए रखी जा सके।

अपने अभिभावकों का सम्मान और उनकी उम्मीदों को साकार करना

श्रीमती भारती ने आगे यह भी बताया कि छात्र-छात्राओं को अपने अभिभावकों का आदर करना चाहिए। अभिभावक अपने बच्चों के लिए बड़े सपने देखते हैं और उनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए संघर्ष करते हैं। यह जरूरी है कि छात्र इन सपनों को समझें और अपने जीवन में कठिन मेहनत कर उन्हें साकार करें। नशा करने से यह सब प्रभावित होता है, क्योंकि नशे की लत किसी भी व्यक्ति की सोच और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करती है।

उन्होंने बताया कि यदि छात्र अपने अभिभावकों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए ईमानदारी से काम करते हैं, तो न केवल उनका खुद का जीवन सफल होगा, बल्कि समाज में भी उनकी एक सकारात्मक पहचान बनेगी।

नशीली वस्तुओं का प्रसार और सरकार की भूमिका

व्याख्यान के दौरान, श्रीमती अनिता ने नशीली पदार्थों के प्रसार के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस समय समाज में नशीली दवाइयों और अन्य नशीली चीजों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, खासकर युवाओं में इनका प्रयोग बढ़ रहा है। यह एक बहुत ही गंभीर समस्या है, क्योंकि नशे की लत युवाओं के जीवन को पूरी तरह से बर्बाद कर देती है।

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार और प्रशासन इस समस्या से निपटने के लिए कई उपाय कर रहे हैं, लेकिन यह भी आवश्यक है कि समाज के हर व्यक्ति, विशेषकर छात्रों, को इस समस्या के बारे में जागरूक किया जाए। यदि सभी मिलकर काम करें, तो इस समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है।

कार्यक्रम का समापन महाविद्यालय के एंटी ड्रग्स कमेटी के नोडल अधिकारी, डॉ. मुकेश कुमार गुप्ता ने किया। उन्होंने मुख्य वक्ता, श्रीमती अनिता भारती का धन्यवाद ज्ञापित किया और छात्रों से अपील की कि वे इस जानकारी को गंभीरता से लें और अपने जीवन को नशे से दूर रखें। डॉ. गुप्ता ने यह भी कहा कि महाविद्यालय प्रशासन इस मुद्दे पर हमेशा छात्रों के साथ है और उन्हें हर संभव मदद प्रदान करेगा।

इस अवसर पर डॉ. अनिल कुमार, डॉ. कविता रानी, श्रीमती पूनम, श्री निशांत सैनी, श्री विशाल सिंह बिष्ट आदि भी उपस्थित थे।

“एंट्री ड्रग्स फ्री देवभूमि” जैसे कार्यक्रम हमें यह याद दिलाते हैं कि नशे की लत एक व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि एक सामूहिक चुनौती है, जिसका समाधान समाज के हर सदस्य की जिम्मेदारी है। छात्रों को नशे के नुकसान और इसके खतरों के बारे में जागरूक करना और उन्हें इसके बचाव के उपाय बताना इस प्रकार के कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। श्रीमती अनिता भारती ने इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को एक सकारात्मक दिशा में मार्गदर्शन दिया और यह स्पष्ट किया कि नशे से बचने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।

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