हमें सबसे पहले अपनी इंसानियत जगानी है उसके बाद कोई जाति धर्म है: श्री अनिल नाथ महाराज

कमल शर्मा

हरिद्वार * श्री गोरखनाथ अलख अखाड़े के महामंडलेश्वर पद पर विभूषित किए गये श्री अनिल नाथ ने अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए कहा भगवान भोलेनाथ और गुरु गोरखनाथ इस सृष्टि में नाथों के नाथ है और देवों के देव है जो सच्चे मन से नाथों के नाथ भगवान भोलेनाथ की आराधना करता है उन्हें मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं गुरु गोरखनाथ अलख अखाड़ा इस सृष्टि में धर्म की अलख जगायेगा इस सृष्टि में न तो कोई धर्म बड़ा है ना कोई जाति बड़ी है और ना ही कोई वर्ग बड़ा है अगर बड़ा है तो इंसानियत चाहे हिंदू हो चाहे मुसलमान हो चाहे सिख हो या इसाई हो चाहे वह किसी भी जाती धर्म का हो किंतु उसके मन मस्तिष्क में इंसानियत बसी होनी चाहिए अपने देश के प्रति गर्व का भाव उसके मन में हिलोरे लेता हुआ होना चाहिए कहने का तात्पर्य यह है की कोई भी जाति धर्म भला या बुरा नहीं होता सब ईश्वर के बनाये हुए हैं सिर्फ हमारा नाम लेने का तरीका अलग-अलग है आराधना का तरीका अलग-अलग है किंतु हम सब का तन एक जैसा है मन एक जैसा है सांस एक जैसी है शरीर एक जैसा है दुख और पीड़ा एक जैसे हैं तो इंसानियत एक जैसी क्यों नहीं सनातन सभी को साथ लेकर चलने वाला एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन है जो विश्व के कोने-कोने में फैला हुआ है हमें सबसे पहले अपनी इंसानियत जगानी है उसके बाद कोई जाति धर्म है जिसके मन में इंसानियत दया भाव दूसरे के प्रति सम्मान संस्कार भाव नहीं उसका जीवन पशु सामान है

इस अवसर पर श्री शंकर नाथ महाराज प्रदेश महासचिव राजस्थान राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संजीवन नाथ राष्ट्रीय महासचिव श्री सर्वनाथ महाराज राष्ट्रीय महामंत्री भारतनाथ श्री अनिल नाथ सहित अनेको संत महापुरुष उपस्थित थे

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