हरिद्वार कनखल स्थित श्री श्री मां आनन्दमई संघ आश्रम में 129 वा श्री श्री मां आनन्दमई जयंती महोत्सव बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ इस अवसर पर विशाल संत समागम को संबोधित करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पंचायती श्री महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी जी महाराज ने कहा संत महापुरुषों और गुरुजनों की संगत भक्तों को कष्ट और दुखों से बाहर निकालकर ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान करने के बाद सत्संग भागवत कथा के माध्यम से उन्हें परमानंद की ओर ले जाते हैं
संत महापुरुष भक्तों को सत्य की राह दिखाते हुए ईश्वर से जोड़ते हुए धर्म कर्म के माध्यम से उनका लोक और परलोक सुधार देते हैं वे लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें गुरुजनों का सानिध्य प्राप्त होता है श्री श्री श्री मां आनंदमई एक तपस्वी त्याग मूर्ति संत थी उनका तपोबल सदैव इस संस्थान में भक्तों को सत्य का बोध कराते हुए ईश्वर तक पहुंचाने की राह दिखाता रहेगा ऐसी परम मूर्ति की जयंती के अवसर पर हम उन्हें शत-शत वंदन करते हैं इस अवसर पर बोलते हुए श्री आनन्दमई संघ कनखल के सचिव स्वामी शिवानन्द जी महाराज ने कहा श्री श्री मां आनंदमई ज्ञान और त्याग की एक अखंड मूर्ति थी जो अपने दिए गए ज्ञान और संस्कार के माध्यम से सदैव भक्तजनों के बीच सदियों तक स्मृति पटल पर इसी प्रकार बनी रहेगी गुरु मूर्ति मां आनंदमई साक्षात ईश्वरीय स्वरूप है
संत महापुरुष कभी कहीं जाया नहीं करते वह दिए गए ज्ञान के रूप में सदैव भक्तों के बीच अमर रहते हैं इस अवसर पर बोलते हुए श्री पुष्पराज पांडे ने कहा श्री श्री मां आनंदमई जी महाराज ने जो अखंड ज्योत इस पावन नगरी हरिद्वार की धरा पर इस संस्था के रूप में जागाई थी आज संगठन और संस्था एक विश्व व्यापी ज्ञान के प्रवाह के रूप में आम जनमानस के बीच उनकी सेवा हेतु निरंतर समर्पित है मां के दिए गए ज्ञान और संस्कार सदैव इसी प्रकार भक्तों के बीच बने रहेंगे और संस्था दिन-रात इसी प्रकार सेवा संचालित करती रहेगी मां आनंन्दमई एक ज्ञान की गंगा थी जिनका प्रवाह वहां आज भी उनके दिए गए ज्ञान के रूप में श्री श्री आनंदमई संघ आश्रम में निरंतर बह रहा है संत सेवा दरिद्र नारायण सेवा चिकित्सा सेवा गौ सेवा अन्न सेवा ज्ञान संवर्धन केंद्र साहित्य सेवा सहित अन्य अनेको तरह से संस्था निरंतर समाज की सेवा में भक्तों की सेवा में सेवारत रहती है
संत महापुरुषों का सानिध्य सदैव प्राप्त होता रहता है इस आश्रम में सदैव धर्म कार्यों के रूप में ज्ञान की गंगा बहती रहती है जिसमें गोते लगाकर भक्त अपने जीवन को धन्य और कृतार्थ करते हैं इस अवसर पर श्री महंत रवि देव वेदांताचार्य महंत सुतीक्ष्ण मुनि महाराज सचिन बड़ा अखाड़ा उदासीन श्री गोविंद दास जी महाराज कोठारी महंत श्री राघवेंद्र दास जी महाराज तथा महंत दिनेश दास महाराज रितिक श्री अजय जी सहित भारी संख्या में संत महापुरुष कार्यक्रम में उपस्थित थे तथा सभी ने आश्रम में आयोजित विशाल भंडारे में भोजन प्रसाद ग्रहण किया