इस पृथ्वी लोक पर संत ही ईश्वर के प्रतिनिधि है वह ही धर्म कर्म के माध्यम से मनुष्य को कल्याण की ओर ले जाते हैं

हरिद्वार भूपतवाला मुखिया गली स्थित सतगुरु ईश्वर कृपा धाम कुटी मे परम पूज्य गुरुदेवो की पुण्य पावन स्मृति में बड़े ही धूमधाम से आश्रम का वार्षिक अधिवेशन संत महापुरुषों की गरिमा मय उपस्थिति के बीच बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ इस अवसर पर बोलते हुए परम पूज्य संत महंत मक्खन सिंह जी महाराज ने कहा वे लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें संत महापुरुषों का पावन सानिध्य प्राप्त होता है

इस पृथ्वी लोक पर संत ही ईश्वर के प्रतिनिधि है वह ही धर्म कर्म के माध्यम से मनुष्य को कल्याण की ओर ले जाते हैं इस अवसर पर बोलते हुए परम पूज्य स्वामी अमृत दास जी महाराज ने कहा संतों का जीवन समाज को समर्पित होता है संतो द्वारा किए गए प्रति एक कार्य में भक्तजनों का हित निहित होता है संत महापुरुष जो भी कार्य करते हैं उसमें जगत कल्याण की भावना निहित होती है इस अवसर पर बोलते हुए श्री गंगा भक्ति आश्रम के श्री महंत परम पूज्य स्वामी कमलेशानंद जी महाराज ने कहा संत महापुरुष धर्म कर्म के माध्यम से मनुष्य का लोक और परलोक दोनों सुधार देते हैं गुरुजनों के एक-एक शब्द का बड़ा ही महत्व होता है

इस जगत में ज्ञान के माध्यम से भक्तों के तारण हार गुरुदेव ही होते हैं इस अवसर पर बोलते हुए व्यवस्थापक श्री सतपाल जी ने कहा इस संसार में गुरु की महिमा बड़ी ही अपरंपार है गुरु ही उंगली पड़कर भक्तों को भवसागर पार कराते हैं उस भवसागर की नैया के गुरु ही तारण हार है गुरु के बिना ना तो मनुष्य को ज्ञान प्राप्त हो सकता है और ना ही उसे कल्याण की ओर जाने वाली सही दिशा प्राप्त हो सकती है हम सभी अपने गुरुजन संत महापुरुषों के श्री चरणों में सत सत नमन करते हुए उन्हें अपने सच्चे श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं इस अवसर पर महामंडलेश्वर श्री हरि चेतनानंद महाराज संत श्री मक्खन सिंह जी महाराज स्वामी कृष्ण स्वरूप महाराज महंत रवि देव वेदांताचार्य महंत बिहारी शरण महाराज महंत अंकित शरण महाराज महंत सूरज दास महाराज महंत कमलेशानंद सरस्वती महाराज महामंडलेश्वर सूर्य देव महाराज स्वामी प्रेमानंद महाराज महंत इंन्दर दास महाराज संत रविंद्र दास महाराज महंत रघुबीर दास महाराज महंत शुक्र गिरी महाराज श्याम गिरी महाराज सरवन दास महाराज धर्मदास महाराज वरिष्ठ निमंत्रण वितरण करता कोतवाल कालीचरण महाराज सहित भारी संख्या में अनेकों मठ मंदिर आश्रम धर्मशालाओं से आए संत महापुरुष तथा पंजाब से आए संत महंत उपस्थित थे

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